डॉ कफील खान (Dr. Kafeel Khan) की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में डाली गई याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने डॉ कफील खान को बड़ी राहत देते हुए यूपी सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है. यूपी की योगी सरकार ने कफील खान के ऊपर से NSA हटाए जाने और उनकी रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट याचिका डाली थी, जिसे शीर्ष अदालत ने गुरुवार को खारिज कर दिया है.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'हाईकोर्ट की टिप्पणी आपराधिक मामलों को प्रभावित नहीं करेगी और मामले खुद की मेरिट के आधार पर तय किए जाएंगे.'
यूपी सरकार ने डॉ कफील खान के खिलाफ NSA के आरोपों को खारिज किए जाने का विरोध किया था. सरकार की याचिका में कहा गया था कि डा. कफील का ऐसे कई अपराध करने का इतिहास था जिनके कारण अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई है. कफील खान को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत 29 जनवरी को गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया था.
हालांकि, इलाहाबाद कोर्ट ने उन्हें सितंबर महीने में रिहा कर दिया था. वो साढ़े सात महीने से जेल में बंद थे. हाईकोर्ट ने 1 सितंबर को अपने आदेश में उनकी हिरासत को 'गैरकानूनी' बताते हुए कहा था कि 'डॉक्टर के भाषण ने नफरत या हिंसा को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रयास नहीं दिखाई देता है.'
डॉ कफील खान ने सुप्रीम कोर्ट के इस कदम पर ट्वीट कर आभार और खुशी जताया है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि 'सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका, जो मेरे रासुका के तहत मेरे हिरासत को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, उसको ख़ारिज कर दिया. मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था मुझे न्याय मिला. आप सब का बहुत बहुत शुक्रिया/धन्यवाद/Thank you. अल्हमदुलिल्लाह जय हिंद जय भारत.'
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