विज्ञापन
This Article is From Jun 07, 2021

फरीदाबाद से 10 हजार घरों को गिराने पर रोक लगाने संबंधी याचिका SC ने की खारिज, कहा-यह वनभूमि है

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को छह सप्‍ताह के अंदर यह अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है

फरीदाबाद से 10 हजार घरों को गिराने पर रोक लगाने संबंधी याचिका SC ने की खारिज, कहा-यह वनभूमि है
सुप्रीम कोर्ट ने छह सप्‍ताह में अतिक्रमण हटाने का निर्देश हरियाणा सरकार को दिया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कहा, अतिक्रमण हटाने पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता
हरियाणा सरकार को छह हफ्ते में यह काम करने का दिया आदेश
वन सचिव और फरीदाबाद कार्पोरेशन के CEO इसके लिए होंगे जिम्‍मेदार
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के फरीदाबाद के खोरी गांव में 10 हजार घरों को गिराने पर रोक लगाने संबंधी याचिका खारिज कर दी है. SC ने कहा है कि यह वन भूमि है और वनभूमि से अतिक्रमण हटाने पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को छह सप्‍ताह के अंदर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि हरियाणा के वन सचिव और फरीदाबाद कार्पोरेशन के सीईओ, इसके लिए व्‍यक्तिगत तौर पर जिम्‍मेदार होंगे. SC ने कहा, हाईकोर्ट के आदेश और 2020 में SC की पुष्टि के बाद भी इन अतिक्रमणों को नहीं हटाया गया.  

जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की अवकाश बेंच ने राज्य सरकार के अधिकारियों को फरीदाबाद जिले के लकडपुर खोरी गांव के निकट वनभूमि से सभी अतिक्रमण छह माह के भीतर हटाने और अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. बेंचने अपने आदेश में कहा,‘‘ हमारे विचार से याचिकाकर्ता पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के निर्देशों से बंधा है....'' साथ ही बेंच ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार को पुनर्वास संबंधी याचिका पर स्वतंत्र रूप से विचार करना चाहिए। बेंच ने अतिक्रमण के कथित पांच आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा,‘‘ इसलिए हम राज्य और फरीदाबाद नगर निगम को दिए गए निर्देशों को दोहराते हैं और उम्मीद करते हैं कि निगम वन भूमि से सभी अतिक्रमण छह सप्ताह के भीतर हटा कर अनुपालन रिपोर्ट पेश करेगा.''

वीडियो कॉन्फ्रेंस की जरिए हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि फरीदाबाद के पुलिस उपायुक्त की अतिक्रमण हटाने के काम में लगे निगम अधिकारियों को पुलिस सुरक्षा देने की जिम्मेदारी है. सुनवाई के दौरान बेंच ने उस प्रतिवेदन पर गौर किया कि अवैध तरीके से रह रहे लोगों के पास कोई और जगह नहीं है और राज्य को उन्हें हटाए जाने से पहले कहीं और बसाने के निर्देश दिए जांए.  इस पर पीठ ने कहा ‘‘भूमि हथियाने वाले निष्पक्ष सुनवाई के लिए कानून के शासन का सहारा नहीं ले सकते हैं.'' याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्विस ने कहा,‘‘ हटाए जाने के तत्काल बाद लोगों को बसाया जाना चाहिए.'' इस पर बेंच ने कहा,‘‘ ये कौन कह रहा है? जमीन हथियाने वाले! जब आप अदालत में आते हैं तो ईमानदार बन जाते हैं और कानून को मानने वाले बन जाते हैं और बाहर आप कोई भी काम कानून के हिसाब से नहीं करते.'' पीठ ने कहा कि वह याचिका खारिज नहीं कर रही है और उसे लंबित कर रही है क्योंकि वह चाहती है कि उसने आदेश का पालन हो. (भाषा से भी इनपुट)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com