कश्मीर में शब्बीर के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के आदेश दिए सुप्रीम कोर्ट ने

कश्मीर में शब्बीर के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के आदेश दिए सुप्रीम कोर्ट ने

खास बातें

  • पिता का दावा है कि शब्बीर को गोली मारकर उसकी हत्या की गई
  • प्रमुख जज के सुझाव पर डाक्टरों का पैनल पोस्टमार्टम करेगा
  • सुप्रीम कोर्ट ने तीन हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है
नई दिल्ली:

जम्मू एवं कश्मीर में हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हुए प्रदर्शनों में मारे गए शब्बीर अहमद मीर की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उसके शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच करने के आदेश दिए हैं. पुलिस के मुताबिक शब्बीर की मौत पैलेट गन से हुई, जबकि उसके पिता का दावा है कि शब्बीर को गोली मारकर उसकी हत्या की गई.

पीड़ित की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य को कड़ा संदेश जाना चाहिए, और पोस्टमार्टम से ही पता चलेगा कि शब्बीर की मौत गोली लगने से हुई, या पैलेट से. अब कोर्ट के आदेश के मुताबिक श्रीनगर में जिले के प्रमुख जज की देखरेख में होगी यह कार्यवाही होगी, और प्रमुख जज के सुझाव पर डाक्टरों का पैनल पोस्टमार्टम करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने तीन हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के दौरान नसीहत देते हुए यह भी कहा, "प्यार और दुलार से सब संभव है..."

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस अफसरों के खिलाफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश पर FIR दर्ज करने, सरकार के खिलाफ अवमानना कारवाई करने पर रोक लगाई थी और गिरफ्तारी न करने के आदेश दिए थे. सरकार को शुक्रवार को जांच की सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए गए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसे मामलों में मानवता का भी ख्याल रखा जाना चाहिए. दरअसल जम्मू-कश्मीर सरकार ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है, जिसमें हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले युवक की मौत के मामले में हत्या की FIR दर्ज करने को कहा गया है. इसमें DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वालों को आरोपी बनाया गया है.

आदेश पर कार्रवाई न करने पर मजिस्ट्रेट ने अदालत की अवमानना का मामला भी शुरू किया है. निचली अदालत ने यह भी कहा था कि मामले की जांच DSP स्तर के अफसर से कराई जाए. दरअसल युवक शब्बीर अहमद मीर के पिता ने शिकायत दी थी कि 10 जुलाई को DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वाले उसके घर पहुंचे. पहले शब्बीर की मां से मारपीट की और फिर शब्बीर की दो गोलियां मारकर हत्या कर दी. इस शिकायत के आधार पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने 18 जुलाई को SSP को हत्या की FIR दर्ज कर DSP स्तर के अफसर से जांच कराने के आदेश जारी किए.

पुलिस ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इसमें कुछ गलत नहीं है. इसके बाद राज्य सरकार ने अब इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और कहा है कि मजिस्ट्रेट ने इस मामले में ज़रूरत से ज्यादा जल्दबाजी दिखाई, और जिस दिन शिकायत मिली, उसी दिन FIR दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com