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This Article is From Aug 07, 2018

सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी के अध्यक्ष को लगाई फटकार, कहा- आपको जेल क्यों न भेजा जाए?

कोर्ट ने हेजेला को कहा कि आपका काम केवल NRC बनाना था न कि प्रेस में जाना. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हजेला के स्टेटमेंट का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू हुई है.

सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी के अध्यक्ष को लगाई फटकार, कहा- आपको जेल क्यों न भेजा जाए?
प्रतीकात्मक फोटो.
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NRC अध्यक्ष प्रतीक हजेला को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
कहा- आपका काम केवल NRC बनाना था न कि प्रेस में जाना
कोर्ट ने कहा, हम आपको जेल भेज सकते थे, लेकिन खुद को रोका
नई दिल्ली: एनआरसी के अध्यक्ष प्रतीक हजेला को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है. मीडिया में आये प्रतीक हजेला के बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कौन होते हैं यह कहने वाले कि फ्रेश डॉक्यूमेंट दें. आप ने ये कैसे कहा कि काफी मौके देंगे. आपका काम रजिस्टर तैयार करना है न कि मीडिया को ब्रीफ करना. हजेला के अखबार में आये इंटरव्यू को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है.

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सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप कैसे कह रहे है कि रजिस्टर में नाम दर्ज करवाने के लिए फ्रेश डॉक्यूमेंट देने होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने हजेला से पूछा कि,  आपको कोर्ट की अवमानना में जेल क्यों न भेजा जाए? सुप्रीम कोर्ट ने हजेला और रजिस्टार जरनल को कहा कि भविष्य में सतर्क रहें और कोर्ट आदेश के मुताबिक काम करें. 

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कोर्ट ने हेजेला को कहा कि आपका काम केवल NRC बनाना था न कि प्रेस में जाना. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हजेला के स्टेटमेंट का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू हुई है. कोर्ट ने कहा कि जो स्टेटमेंट हजेला ने दिया है वह सही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए ही फाइनल NRC पूरा होना है. सुप्रीम कोर्ट ने हजेला और रजिस्टार जरनल को कहा कि भविष्य में सतर्क रहें और कोर्ट के आदेश के मुताबिक काम करें. NRC फाइनल को लेकर काम करे. सुप्रीम कोर्ट ने हजेला और रजिस्ट्रार जनरल को कहा कि हम आपको जेल भेज सकते थे, लेकिन हमने खुद को रोका है. हजेला ने माफी मांगी और कहा कि RGI की सलाह के बाद वह मीडिया के पास गए थे.

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कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 16 अगस्त को होनी है और केंद्र सरकार इसके लिए SOP दाखिल करेगी. लेकिन जो कागजात व अन्य प्रक्रिया अभी सुप्रीम कोर्ट को तय करनी है उसके बारे में हजेला ने पहले ही इंटरव्यू दे दिए जो अदालत की अवमानना के लिए फिट केस है. जस्टिस रंजन गोगोई ने हजेला का अखबार में इंटरव्यू दिखाया था.

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