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This Article is From Jul 23, 2014

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना हुआ महंगा, 10 गुना तक फीस बढ़ी

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना हुआ महंगा, 10 गुना तक फीस बढ़ी
नई दिल्ली:

अब निचली अदालतों के फैसलों के खिलाफ देश की सुप्रीम कोर्ट अदालत का दरवाज़ा खटखटाना काफी महंगा हो गया है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमों की अपने यहां सुनवाई की फीस में एकमुश्त 10 गुना तक बढ़ोतरी कर दी है।

अगले माह 14 अगस्त से लागू होने जा रही संशोधित दरों के अनुसार, अब रिट याचिका दायर करने के लिए किसी भी याचिककर्ता को मौजूदा 50 रुपये के स्थान पर कोर्ट फीस के रूप में 500 रुपये देने होंगे। वैसे, आपराधिक रिट याचिका के लिए कोई कोर्ट फीस नहीं लगती है, परन्तु उसमें भी शपथपत्र या एफिडेविट के साथ दो रुपये की फीस लगाई जाती है, जिसे अब बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है।

इसके अतिरिक्त अब चुनाव संबंधी याचिकाओं पर भी धरोहर राशि के रूप में मौजूदा 20,000 रुपये के स्थान पर 50,000 रुपये की राशि जमा करानी होगी।

फीस में बढ़ोतरी के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अपने नियमों में भी बदलाव करते हुए तय किया है कि मौत की सजा के खिलाफ दायर की जाने वाली अपील पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में कम से कम तीन जजों की बेंच करेगी।

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