सुप्रीम कोर्ट ( फाइल फोटो )
नई दिल्ली:
सुप्रीमकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट की परीक्षा के मसले को लेकर राज्य में कोई आन्दोलन नहीं हो. अदालत ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि यदि कोई भी व्यक्ति ऐसी गतिविधि में संलिप्त होता है जिससे राज्य का सामान्य जनजीवन प्रभावित होता है तो उसके खिलाफ उचित कानून के तहत मामला दर्ज किया जाए. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने यह निर्देश देते हुये टिप्पणी की कि नीट परीक्षा को शीर्ष अदालत पहले ही सही ठहरा चुकी है.
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पीठ ने कहा, 'अंतरिम उपाय के रूप में यह निर्देश दिया जाता है कि तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव का यह दायित्व है कि नीट परीक्षा के संबंध में किसी प्रकार का आन्दोलन नहीं हो.' न्यायालय ने इसके साथ ही एक याचिका पर तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया. इस याचिका में राज्य सरकार को कानून व्यवस्था बनाये रखने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई है कि नीट की परीक्षा के खिलाफ किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति को आन्दोलन, हड़ताल या विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाए.
वीडियो : अनीता को किसने मारा ?
याचिका में कहा गया है कि इस मुद्दे को लेकर राज्य में चल रहे आंदोलन से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. न्यायालय इस मामले में अब 18 सितंबर को आगे सुनवाई करेगा.
इनपुट : भाषा
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पीठ ने कहा, 'अंतरिम उपाय के रूप में यह निर्देश दिया जाता है कि तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव का यह दायित्व है कि नीट परीक्षा के संबंध में किसी प्रकार का आन्दोलन नहीं हो.' न्यायालय ने इसके साथ ही एक याचिका पर तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया. इस याचिका में राज्य सरकार को कानून व्यवस्था बनाये रखने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई है कि नीट की परीक्षा के खिलाफ किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति को आन्दोलन, हड़ताल या विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाए.
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याचिका में कहा गया है कि इस मुद्दे को लेकर राज्य में चल रहे आंदोलन से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. न्यायालय इस मामले में अब 18 सितंबर को आगे सुनवाई करेगा.
इनपुट : भाषा