दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में अपनी नियुक्ति के खिलाफ जनहित याचिका CPIL की ओर से प्रशांत भूषण ने दाखिल की है. याचिका में अस्थाना की नियुक्ति रद्द करने की मांग की गई है.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

राकेश अस्थाना के दिल्ली पुलिस कमिश्नर पद पर नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है.

नई दिल्ली:

राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) को दिल्ली पुलिस कमिश्नर (Delhi Police Commissioner) के पद पर नियुक्त किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर याचिका पर आज (मंगलवार, 25 जनवरी)  सुनवाई टल गई है. अब 9 फरवरी को अगली सुनवाई होगी.  मामले में विस्तृत बहस के लिए वकीलों के उपलब्ध ना होने पर ये सुनवाई टाली गई है.

सॉलिसिटर जनरल और अस्थाना के वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि वो आज किसी दूसरे मामले में पेश होने वाले हैं. लिहाजा, इस मामले में विस्तार से बहस नहीं कर पाएंगे. इसके बाद कोर्ट ने मामले को 9 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया है. 

बता दें कि राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में अपनी नियुक्ति के खिलाफ जनहित याचिका CPIL की ओर से प्रशांत भूषण ने दाखिल की है. याचिका में अस्थाना की नियुक्ति रद्द करने की मांग की गई है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के नए आयुक्त की नियुक्ति करने की मांग की गई है.

इसके जवाब में राकेश अस्थाना की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि प्रशांत भूषण और NGO CPIL की उनके खिलाफ दायर याचिका व्यक्तिगत तौर पर बदले की भावना से ग्रसित है और याचिका के पीछे दुर्भावनापूर्ण एजेंडा है. हलफनामे में ये बी कहा गया है कि ये वास्तविक जनहित याचिकाएं नहीं हैं, बल्कि प्रक्रिया और मंच का घोर दुरुपयोग है. 

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हलफनामे में कहा गया है, 'याचिकाओं के बाद मेरे खिलाफ तीखा सोशल मीडिया अभियान चलाया गया जिससे कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिष्ठा धूमिल हुई है. राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति जटिल है और इसके दूरगामी परिणाम होंगे. राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस आयुक्त की नियुक्ति में केंद्र सरकार को पूरी छूट दी जाए.'