विज्ञापन
This Article is From Nov 02, 2018

धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम मामला: सुप्रीम कोर्ट से अनुराग ठाकुर को मिली बड़ी राहत, रद्द की गई FIR

धूमल समेत अन्य पर धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम (Dharamshala Cricket Stadium) बनाने के लिए जमीन देने के मामले में कथित अनियमितताओं बरतने को लेकर प्राथमिकी (FIR)दर्ज की गई थी.

धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम मामला: सुप्रीम कोर्ट से अनुराग ठाकुर को मिली बड़ी राहत, रद्द की गई FIR
कोर्ट से मिली अनुराग ठाकुर को राहत
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल और उनके बेटे अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) समेत अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (FIR) को रद्द कर दिया है. दरअसल, धूमल समेत अन्य पर धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम (Dharamshala Cricket Stadium) बनाने के लिए जमीन देने के मामले में कथित अनियमितताओं बरतने को लेकर प्राथमिकी (FIR)दर्ज की गई थी. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि हम अपील को मंजूर करते हैं. साथ ही इस मामले में दर्ज प्राथमिकी को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाता है.

यह भी पढ़ें: वीरेंद्र सहवाग की ‘सेटिंग' की टिप्पणी को अन्यथा नहीं लिया जाए : अनुराग ठाकुर

गौरतलब है कि अनुराग ठाकुर, धूमल और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने राज्य की तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार के शासनकाल में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार करने वाले उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय ने 25 अप्रैल, 2014 को प्राथमिकी रद्द करने और धर्मशाला में विशेष न्यायाधीश के समक्ष लंबित आपराधिक मुकदमे की सुनवाई को स्थगित करने से इनकार कर दिया था. यह मुकदमा इन सभी के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र तथा भ्रष्टाचार निरोधी कानून के प्रावधानों में दर्ज मामले के लिए चलाया जा रहा था.

यह भी पढ़ें: अनुराग ठाकुर को आपराधिक मामले में बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

हमीरपुर से भाजपा सांसद और एचपीसीए के तत्कालीन अध्यक्ष ठाकुर ने अदालत से कहा था कि यह मामला दीवानी विवाद का है लेकिन वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक कारणों से इसे आपराधिक मामला बना दिया. ध्यान हो कि कांग्रेस के दिसंबर, 2012 में सत्ता में आने के बाद धर्मशाला के सतर्कता ब्यूरो ने इस संबंध में एक अगस्त, 2013 को इन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. गौरतलब है कि अनुराग ठाकुर को कुछ महीने पहले अवमानना मामले में भी सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्‍यक्ष अनुराग ठाकुर ने शीर्ष अदालत में नया माफ़ीनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांगी थी.

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व BCCI अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को नहीं दी माफी, जाना पड़ सकता है जेल!

इस माफीनामे में अनुराग ठाकुर ने कहा है कि कुछ गलतफहमी और गलत सूचना की वजह से उनसे यह हुआ. उन्होंने कोर्ट के गौरव को कभी कमतर नहीं समझा.  इसके लिए वे बेहिचक बिना शर्त और स्पष्ट रूप से कोर्ट से माफी मांगते हैं. कोर्ट ने उनकी मांफी को स्वीकार करते हुए उन्हें बड़ी राहत दी थी. ध्यान हो कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर को 14 जुलाई को कोर्ट में पेश होने कहा था. कोर्ट ने कहा था कि ठाकुर बिना शर्त माफीनामा दाखिल करें.

VIDEO: संगीनों के साये में हुई शादी.

पहले दाखिल किए गए माफीनामे को नामंजूर करते हुए कोर्ट ने साफ तौर पर कहा था कि माफीनामे की भाषा स्पष्ट होनी चाहिए और इसमें गोलमोल नहीं होनी चाहिए. कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर अनुराग ठाकुर बिना शर्त माफी मांगते है तो अदालत उन्हें माफ़ भी कर सकती है.(इनपुट भाषा से) 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com