आम्रपाली होम बायर्स मामले में आम्रपाली ग्रुप के डायरेक्टरों की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. दरअसल, इस मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने ED को कंपनी के डायरेक्टर शिव प्रिया, अनिल शर्मा, और अजय शर्मा को कस्टडी में लेकर उनसे पूछताछ करने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ED पहले इन्हें कस्टडी में लेकर पूछताछ करे और जैसे ही मामले से जुड़ी पूछताछ पूरी हो जाए तो इन्हें मंडौली जेल में शिफ्ट कर दिया जाए. इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई अहम निर्देश भी दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भुवनेश्वर ऑथरिटी, रायपुर ऑथरिटी, रॉयल गोल्फ, कॉरपोरेशन बैंक को 3 से 6 हफ्ते में बकाया राशि जमा करने को कहा है. कोर्ट ने NBCC को भी कंस्ट्रक्शन काम में तेजी लाने को कहा है. NBCC को 61 करोड़ के अलावा 40 करोड़ और देने को कहा गया है. साथ ही सभी 7 प्रोजेक्ट के टेंडर जारी करने के साथ इनपर काम भी शुरू करने को कहा गया है. बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को फटकारा, कहा- बस.. अब अंतिम मौका
बता दें कि आम्रपाली मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि आम्रपाली होटल, टेक पार्क, रायपुर में संपत्तियों का मूल्यांकन 10 दिनों के भीतर किया जाए और साथ ही घर के खरीदारों को पैसा लौटने के लिए जनवरी के अंत तक इन प्रॉपर्टी को बेचा जाए. कोर्ट ने आम्रपाली के निदेशकों की लग्जरी कारों को जब्त करने और बेचने का आदेश भी दिया था. सुप्रीम कोर्ट से आम्रपाली होम बायर्स को राहत मिली थी.
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के अस्पताल समेत अन्य संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि आम्रपाली में रह रहे लोगों का बिजली और पानी का कनेक्शन न काटा जाए. हाल में आए बिजली और पानी के बिल का भुगतान होम बायर्स करेंगे. जबकि पुराने बिल का भुगतान आम्रपाली ग्रुप के निदेशकों के प्रॉपर्टी की नीलामी के बाद किया जाएगा.साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के निदेशकों की लग्जरी कारों को जब्त करने और बेचने का आदेश दिया था.
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