यह ख़बर 07 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एफडीआई के पक्ष में मतदान भाजपा की राजनीति का नकारा जाना है : कमलनाथ

खास बातें

  • संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को एफडीआई के पक्ष में मतदान को भाजपा की राजनीति को ‘नकार दिया जाना’ करार दिया और इन आरोपों का खंडन किया कि सरकार ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए वोट खरीदे।
नई दिल्ली:

संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को एफडीआई के पक्ष में मतदान को भाजपा की राजनीति को ‘नकार दिया जाना’ करार दिया और इन आरोपों का खंडन किया कि सरकार ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए वोट खरीदे।

कमलनाथ ने कहा, ‘‘भाजपा हमेशा ही ऐसे आरोप लगाती रहती है। मैं आशा करता हूं कि वे और बुरी तरह हारें। पहले वे लोकसभा में पराजित हुए, उन्होंने ये आरोप लगाए। वे राज्यसभा में हार गए, फिर उन्होंने ये आरोप लगाए। यह भाजपा की राजनीति को नकार दिया जाना है।’’

मंत्री से इन आरोपों पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी कि सरकार ने आज ऊपरी सदन में वोट खरीदे। उन्होंने कहा, ‘‘एफडीआई का तो कोई मुद्दा ही नहीं था क्योंकि यह तो राज्यों के जिम्मे छोड़ दिया गया है। यदि इस बहस में कुछ बचा तो वह विशुद्ध राजनीति थी।’’
इन अटकलों पर कि सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी जीत पक्की करने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल किया, कमलनाथ ने कहा, ‘‘परमाणु करार के मुद्दे पर बसपा ने भाजपा का समर्थन किया था तो क्या उस वक्त उन्हें सीबीआई नजर नहीं आई।’’

संसदीय कार्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब कोई उनके पक्ष में मतदान करे तब तो सीबीआई बीच में नहीं आती लेकिन जब कोई उनके खिलाफ मतदान करे तो सीबीआई बीच में आ जाती। इससे भाजपा के इरादे और चिंतन प्रक्रिया उजागर होती है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार के पक्ष में संख्याबल जुटाना बहुत ही सामान्य बात थी क्योंकि राजनीतिक दल समझते थे कि इस मुद्दे पर बहस बस राजनीतिक है।

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कमलनाथ ने कहा, ‘‘मैं बस राजनीतिक दलों से इस बहस के सार को समझने की अपील कर रहा हूं जो बस राजनीतिक था। राजनीतिक दलों ने तय किया कि वे भाजपा की राजनीति का समर्थन नहीं करने जा रहे।’’