पासवान ने कहा, राज्य सरकारें आरोप तो लगा रहीं, लेकिन नहीं बता रहीं दाल की आवश्यक मात्रा...

पासवान ने कहा, राज्य सरकारें आरोप तो लगा रहीं, लेकिन नहीं बता रहीं दाल की आवश्यक मात्रा...

रामविलास पासवान (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

देश में दाल की बढ़ती कीमतों पर मचे बवाल के बीच केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने लोकसभा में बताया कि राज्य सरकारें यह आरोप तो लगा देती हैं कि केंद्र सरकार उन्हें पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध नहीं करा रही है, लेकिन यह जानकारी नहीं दे रही हैं कि उन्हें दाल का कितना स्टॉक चाहिए। प्रश्नकाल में दाल की कमी से संबंधित प्रश्न के उत्तर में पासवान ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकारों से बार-बार कहा है कि वह अपनी मांग लिखित में दें, लेकिन राज्यों ने अपनी मांगें अभी तक नहीं भेजी हैं।

आवश्यक वस्तुओं में से केवल दाल की कीमतों में वृद्धि
पासवान ने कहा कि 22 आवश्यक वस्तुओं में से केवल दाल की कीमतों में वृद्धि हुई है। उन्होंने प्रमुख रूप से इसकी वजह मांग और स्थानीय उत्पादन में अंतर को बताया, जबकि जमाखोरी को इसका दूसरा कारण बताया। लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा कि दालों में तुअर, उड़द और चने की कीमतों में ही वृद्धि हुई है। इनके अलावा आलू और शक्कर की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। मंत्री ने कहा कि निजी आयातक जो विदेश से दाल खरीदते हैं वे दालों की जमाखोरी के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं जो तभी दाल बेचतें हैं जब बाजार में मांग बढ़ जाती है।

राज्य सरकारों की भूमिका
उनके अनुसार कस्टम जैसी एजेंसियां ऐसी गतिविधयों की जांच कर रही हैं, राज्य सरकारों को भी कार्रवाई के अधिकार दिए गए हैं, क्योंकि जमाखोरी को रोकने की प्रमुख जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। ये राज्य सरकार पर है कि वे जमाखोरों से जप्त किए गए अनाज को नीलाम करें या बेच दें। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई आंकलन सामने नहीं आया है कि पानी की कमी का कोई प्रभाव कीमतों पर पड़ा हो, जबकि इसका असर बुआई और पैदावार पर अवश्य पड़ा है।


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