मॉब लिंचिंग : रामविलास पासवान ने कहा - राज्य सरकारें सुनती नहीं हैं, क्या प्रधानमंत्री फौज भेजें

रामविलास पासवान ने कहा, 'भीड़ द्वारा हत्या बहुत गंभीर मुद्दा है. हम इसकी घोर निंदा करते हैं.'

मॉब लिंचिंग : रामविलास पासवान ने कहा - राज्य सरकारें सुनती नहीं हैं, क्या प्रधानमंत्री फौज भेजें

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 'विपक्ष के पास बुनियादी मुद्दों पर बोलने के लिए कुछ नहीं बचा'
  • 'मॉब लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित हो'
  • 'इस तरह की कोई भी घटना होने पर 24 घंटे के अंदर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए'
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि विपक्ष के पास भ्रष्टाचार और विकास जैसे बुनियादी मुद्दों पर बोलने के लिए कुछ नहीं बचा है और वे कथित गोरक्षा के नाम पर अत्याचार के विषय को एक ही समुदाय के नाम पर उठाकर हथियार बना रहे हैं. उन्होंने लोकसभा में इस तरह घटनाओं की निंदा करते हुए इनके खिलाफ सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किए जाने का भी सुझाव दिया.

उन्होंने मॉब लिंचिंग की घटनाओं के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि एक तरफ विपक्ष संघीय ढांचे की बात करता है और दूसरी तरफ सारी जिम्मेदारी केंद्र पर डाल देता है. दोनों चीजें साथ में नहीं चल सकतीं. पासवान ने कहा, 'राज्यों की सरकारें नहीं सुनतीं, तो क्या प्रधानमंत्री फौज भेजें.'
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पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सवा तीन साल की सरकार में एक भी बार बाबरी मस्जिद, राम मंदिर, अनुच्छेद 377 और समान नागरिक संहिता की बात नहीं की है और बार-बार विकास की ही बात करते हैं.
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पासवान ने कहा, 'भीड़ द्वारा हत्या बहुत गंभीर मुद्दा है. हम इसकी घोर निंदा करते हैं.' पासवान ने कहा कि देश में राजनीतिक हत्याएं भी हो रही हैं, लेकिन लोग इस पर कुछ नहीं बोलते. उन्होंने कहा कि केवल आरोप-प्रत्यारोप से काम नहीं चलेगा. इसे रोकने के लिए क्या सुझाव हैं, वो हमें देने चाहिए.

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उन्होंने कहा कि आज सदन को इस तरह की घटनाओं के खिलाफ सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित करना चाहिए. सभी राजनीतिक दलों को सभी राज्यों से अपील करनी चाहिए कि इस तरह की कोई भी घटना होने पर 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करें और दोषी व्यक्ति को जेल में डाला जाए. ऐसे लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया जाए.
(इनपुट भाषा से)


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