यह ख़बर 02 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

भिखीविंड में राजकीय सम्मान के साथ आज होगा सरबजीत का अंतिम संस्कार

खास बातें

  • अस्पताल में दम तोड़ने वाले भारतीय कैदी सरबजीत सिंह का शव उनके पैतृक गांव भिखीविंड पहुंच गया है। वहां से पोस्टमॉर्टम के लिए पट्टी ले जाया गया। इसके बाद गांव में शव को ले जाने की बात कही जा रही है। अंतिम संस्कार में कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
लाहौर / नई दिल्ली:

अस्पताल में दम तोड़ने वाले भारतीय कैदी सरबजीत सिंह का शव उनके पैतृक गांव भिखीविंड पहुंच गया है। यहां से पोस्टमॉर्टम के लिए पट्टी ले जाया गया। पोस्ट मॉर्टम के बाद गांव में शव को देर रात गांव वापल लाए जाने की बात कही जा रही है। आज यहां पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम संस्कार में कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे।

इससे पहले एयर इंडिया के विशेष विमान से सरबजीत के शव को अमृतसर के हवाई अड्डे पर लाया गया। पहले यह अंदेशा था कि अंधेरा होने की वजह से हेलीकॉप्टर के जरिये शव को गांव ले जाया जाएगा लेकिन बाद में एक अन्य हेलीकॉप्टर को साथ में उड़ाया गया जिसने रोशनी की व्यवस्था की और उड़ान भरने में सहूलियत हुई। भिखीविंड से 15-16 किलोमीटर की दूरी पर पट्टी है जहां पर शव का पोस्टमॉर्टम किया गया।

अमृतसर हवाई अड्डे पर दो केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी और परणीत कौर के साथ राज्य सरकार के भी कुछ मंत्री व अधिकारी मौजूद हैं। पंजाब सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। पंजाब सरकार ने एक करोड़ रुपये की मदद के साथ सरबजीत की दोनों बेटियों को सरकारी नौकरी देने की बात कही है। इसके अलावा पंजाब सरकार ने सरबजीत को शहीद का दर्जा भी दिया है। केंद्र सरकार की ओर से भी 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद दिए जाने का ऐलान किया गया है।

वहीं, गुरुवार की शाम पाकिस्तान से खबर थी कि कस्टम विभाग ने कुछ कागजातों के अभाव में एयरपोर्ट पर ही सरबजीत के शव को रोक लिया था। उनका कहना था कि विदेश मंत्रालय से अभी तक एनओसी नहीं दिया गया है। बाद में कागजी कार्यवाही पूरी हो होने के बाद विमान सरबजीत का शव लेकर उड़ा और अमृतसर के हवाई अड्डे पर करीब 7.30 बजे पहुंच गया।

शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ सरबजीत का अंतिम संस्कार करीब दो बजे किया जाएगा। साथ ही कहा जा रहा है कि अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भी आने की संभावना है। इनके अलावा कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी सरबजीत के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि करीब एक सप्ताह तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए सरबजीत ने बुधवार देर रात 12:45 बजे अंतिम सांस ली। सरबजीत का लाहौर के जिन्ना अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनकी मौत कड़ी सुरक्षा वाली जेल में कैदियों द्वारा बर्बर हमला किए जाने के बाद पिछले छह दिनों तक गहरे कोमा में रहने के बाद हुई।

पाकिस्तान सरकार ने सरबजीत के पोस्टमॉर्टम के लिए डॉक्टरों का एक पैनल गठित किया था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरबजीत सिंह की मौत पर शोक जताते हुए कहा कि सरबजीत पर बर्बर और कातिलाना हमले के जिम्मेदार अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाए।

विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि सरबजीत के साथ जो कुछ भी हुआ, उससे भारत सरकार बेहद आहत है। भारत सरबजीत पर हमले को एक भारतीय नागरिक पर हुआ कातिलाना हमला मानता है और चाहता है कि पाक सरकार इसकी निष्पक्ष जांच कराए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। साथ ही विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय कैदियों की सुरक्षा को लेकर वहां की सरकार से कदम उठाने की मांग भी की है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरबजीत के परिवार से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि गांधी ने सरबजीत के परिवार के साथ करीब 40 मिनट बिताए और उन्हें सांत्वना दी। केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी सरबजीत के परिवार से मुलाकात की। सरबजीत की बहन दलबीर कौर और परिवार के दूसरे सदस्यों से मुलाकात करने के बाद शिंदे ने संवाददाताओं से कहा कि शव मिल जाने के बाद परिवार की भावनाओं के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शिंदे ने कहा कि भारत 49-वर्षीय सरबजीत को बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के लिए आखिरी समय तक पाकिस्तान से बात करता रहा, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि मैंने पूरे देश की ओर से सरबजीत के बहन के प्रति संवेदना प्रकट की है।

सरबजीत के परिवार ने मांग की है कि सरबजीत को भारत सरकार शहीद का दर्जा दे। उनकी बेटी का कहना है कि सरबजीत आतंकवादी नहीं थे और उन्हें उनका सम्मान वापस मिलना चाहिए।

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इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से आज सुबह बात की और मांग की सरकार ये कोशिश करे कि सरबजीत की हत्या की जांच किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से हो। पंजाब सरकार ने ऐलान किया है कि सरबजीत की बेटियों को राज्य सरकार सरकारी नौकरी मुहैया कराएगी और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।