यह ख़बर 26 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

जासूसी कांड की जांच राजनीतिक बदले की भावना के तहत नहीं : गृहमंत्री

गृहमंत्री सुशील शिंदे की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

राजनीतिक बदले की भावना से कार्य करने के आरोपों को नकारते हुए सरकार ने कहा है कि जांच आयोग उन मामलों की जांच करेगा, जिनमें कई राज्य शामिल हैं। इनमें गुजरात में एक महिला की कथित जासूसी और भाजपा नेता अरुण जेटली के कॉल डाटा रिकॉर्ड लीक होने के मामले शामिल हैं।

गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, कोई बदले की भावना नहीं है, कोई राजनीति नहीं है। हम तथ्यों के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं और राष्ट्रपति के पास लोगों के ज्ञापन सौंपे जाने के बाद ऐसा किया गया है। हम जनता की इच्छा के अनुरूप कार्रवाई कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के निकट सहयोगी अमित शाह के कथित इशारे पर गुजरात में एक महिला की जासूसी की घटना का जिक्र करते हुए शिंदे ने कहा कि पिछले लगभग डेढ़ महीने से मीडिया में इस संबंध में खबरें आ रहीं थीं। 47 महिलाओं के प्रतिनिधिमंडल ने भी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा, जिसमें जांच का आग्रह किया गया था।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने ये ज्ञापन आवश्यक कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय को भेजे, जिसके बाद गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जांच आयोग के गठन का फैसला किया। शिंदे ने कहा कि युवती के जासूसी मामले में गुजरात सरकार ने जिस जांच का आदेश दिया है, वह हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज कर रहे हैं। इस जांच की तुलना केंद्र के जांच आयोग से नहीं की जा सकती, क्योंकि केंद्र के जांच आयोग के तहत कई राज्य आएंगे, जबकि गुजरात की जांच केवल एक राज्य पर ही केंद्रित है।

उन्होंने कहा कि गुजरात, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में कई गंभीर मामले हैं और जांच आयोग के दायरे में ये सभी मामले आएंगे। गृहमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा की पूर्व सरकार ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की कथित जासूसी कराई थी। सिंह उस समय मुख्यमंत्री नहीं थे। इस मामले की जांच भी केंद्रीय आयोग करेगा।


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