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This Article is From Jul 07, 2020

लद्दाख में तनाव के बीच प्रमुख लॉजिस्टिक हब बना श्रीनगर एयरबेस

ग्रुप कैप्टन निशांत सिंह ने NDTV को बताया, "इस एयरबेस का हमेशा वायुसेना की योजना में अहम स्थान रहा है. यहां से हम सेना और अर्धसैनिक बलों के तेजी से भेज सकते हैं. यह जगह इन कार्यों के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है और हम कई महीनों और वर्षों से ऐसा कर रहे हैं."

लद्दाख में तनाव के बीच प्रमुख लॉजिस्टिक हब बना श्रीनगर एयरबेस
फाइटर जेट और अपाचे हेलीकॉप्‍टर श्रीनगर एयरबेस पर तैनात किए गए हैं
श्रीनगर:

बीते दो माह से जम्मू-कश्मीर का श्रीनगर एयरबेस (Srinagar Air Base) सेना की बड़ा लॉजिस्टिक एक्‍सरसाइज (Massive Logistical Exercise) का केंद्र बना हुआ है क्योंकि भारत, पूर्वी लद्दाख (East Ladakh)  में चीनी सैन्‍य बलों की चुनौती का सामना कर रहा था. भारतीय वायुसेना (IAF) ने एलएसी (Line of Actual Control) के साथ लगे प्रमुख बिंदुओं पर सैनिकों, सैन्‍य उपकरणों, मशीनरी और हथियारों को तैनात करने या आपूर्ति में पूरी तत्‍परता दिखाई है. 15 जून को गालवान क्षेत्र में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष के मद्देनजर पूयह तैनाती की गई थी. इस संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों को जान गंवानी पड़ी थी. खबरों के अनुसार, चीनी पक्ष के करीब 45 सैनिकों को इस संघर्ष में या तो जान गंवानी पड़ी था या वे गंभीर रूप से घायल हुए थे. पूर्वी लद्दाख में इस संघर्ष के चलते दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था.

ग्रुप कैप्टन निशांत सिंह ने NDTV को बताया, "इस एयरबेस का हमेशा वायुसेना की योजना में अहम स्थान रहा है. यहां से हम सेना और अर्धसैनिक बलों के तेजी से भेज सकते हैं. यह जगह इन कार्यों के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है और हम कई महीनों और वर्षों से ऐसा कर रहे हैं." यह पूछे जाने पर कि क्या यह अपनी तरह का सबसे बड़ा अभ्यास है, ग्रुप कैप्टन ने कहा, "हां, आप ऐसा कह सकते हैं क्‍योंकि पिछले कुछ हफ्तों और महीनों में ले जाए गए मैनपॉवर और सामग्री की मात्रा के लिहाज से यह अभूतपूर्व है."

ग्रुप कैप्टन ने कहा, "हमारी दिन-प्रतिदिन का काम हमारी ट्रेनिंग है और हम यह सुनिश्चित करते हैं कि मौसम की तमाम स्थितियों के बावजू सभी कुछ योजनाबद्ध तरीके से जल्द से जल्द और कुशलतापूर्वक हों." यह सब चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने के प्रयासों के जवाब में था. पिछले माह NDTV द्वारा हासिल की गई सैटेलाइट इमेजों से पता चला है कि चीनी सैनिक गालवान घाटी में 423 मीटर तक 'अंदर' आ गए थे. हालांकि दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के बाद अब दोनों पक्षों के सैनिकों के दो किलोमीटर तक पीछे हटने का सिलसिला शुरू हो गया है. हालांकि भारत अभी भी इस मामले में सजगता बरत रहा है. भारतीय वायुसेना रात को भी सघन अभियान चला रही है. चीन की सीमा के पास फॉरवर्ड एयरबेस पर भारतीय वायुसेना अपने मिग-29 और सुखोई 30 एमकेआई जैसे फाइटर एयरक्राफ्ट के साथ साथ अपाचे और चिनाकू जैसे युद्धक हेलीकॉप्टरो के साथ के साथ रात के समय सघन पेट्रोलिंग कर रहे हैं. गौरतलब है कि श्रीनगर एयरबेस ने पिछले साल बालाकोट हवाई हमले के दौरान भी अहम भूमिका निभाई थी. बालाकोट हमले के दौरान वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान सीमा पर आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए थे.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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