नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
पटना:
बिहार के सृजन घोटाले में हर दिन एक नया ख़ुलासा हो रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी इस घोटाले की सचाई को उजागर करने में विफलता का आरोप लग रहा है. सोमवार को अपने जन संवाद कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में नीतीश कुमार ने साफ़ कहा कि इस घोटाले में जो भी शामिल रहा है, उनमें से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
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उन्होंने अपने विरोधियों को से कहा कि अगर उन्हें सीबीआई जांच की निष्पक्षता पर भरोसा नहीं तो वो हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से इस जांच की मॉनिटरिंग के लिए जा सकते हैं और उनका इस मुद्दे पर कोई विरोध नहीं करेगा. लेकिन, नीतीश ने सभी लोगों जिनमें उनके राजनीतिक विरोधी शामिल हैं, से आग्रह किया कि अगर उनके पास कोई दस्तावेज़ या काग़ज़ात हो तो वे उसे सीबीआई को दें जिससे जांच में मदद मिले.
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उन्होंने जांच एजेंसी पर लोगों से भरोसा रखने की अपील भी की. प्रशासनिक अधिकारियों के मिलीभगत पर उन्होंने कहा कि इतना में आपको भरोसा दिलात हूं कि उसको सज़ा ज़रूर दिलायी जाएगी. नीतीश ने स्वीकार किया कि इस घोटाले के बाद अब कई क़दम लिए गए हैं जिससे भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो. इसके किए नीतीश ने दावा किया कि संस्थागत परिवर्तन किया गया हैं और अब पैसे को फ़र्ज़ी तरीक़े से कोई दूसरे के अकाउंट में नहीं डाल सकता.
वीडियो- सृजन घोटाले में नया खुलासा
सृजन घोटाले में अब तक 1200 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. सीबीआई एक साथ बारह मामलों की जांच कर रही हैं. इस घोटाले के उजागर होने के बाद कई बैंक के अधिकारी, सरकारी अधिकारी जेल के सलाखों के पीछे हैं. राजद अध्यक्ष लालू यादव अपने बेटे और बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के साथ एक सृजन यात्रा भागलपुर तक करने वाले हैं. पिछली बार तेजस्वी यादव जब भागलपुर गए थे तब ना उन्हें सभा करने की अनुमति मिली थी ना सृजन के मुख्यालय सबौर जाने की.
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उन्होंने अपने विरोधियों को से कहा कि अगर उन्हें सीबीआई जांच की निष्पक्षता पर भरोसा नहीं तो वो हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से इस जांच की मॉनिटरिंग के लिए जा सकते हैं और उनका इस मुद्दे पर कोई विरोध नहीं करेगा. लेकिन, नीतीश ने सभी लोगों जिनमें उनके राजनीतिक विरोधी शामिल हैं, से आग्रह किया कि अगर उनके पास कोई दस्तावेज़ या काग़ज़ात हो तो वे उसे सीबीआई को दें जिससे जांच में मदद मिले.
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उन्होंने जांच एजेंसी पर लोगों से भरोसा रखने की अपील भी की. प्रशासनिक अधिकारियों के मिलीभगत पर उन्होंने कहा कि इतना में आपको भरोसा दिलात हूं कि उसको सज़ा ज़रूर दिलायी जाएगी. नीतीश ने स्वीकार किया कि इस घोटाले के बाद अब कई क़दम लिए गए हैं जिससे भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो. इसके किए नीतीश ने दावा किया कि संस्थागत परिवर्तन किया गया हैं और अब पैसे को फ़र्ज़ी तरीक़े से कोई दूसरे के अकाउंट में नहीं डाल सकता.
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सृजन घोटाले में अब तक 1200 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. सीबीआई एक साथ बारह मामलों की जांच कर रही हैं. इस घोटाले के उजागर होने के बाद कई बैंक के अधिकारी, सरकारी अधिकारी जेल के सलाखों के पीछे हैं. राजद अध्यक्ष लालू यादव अपने बेटे और बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के साथ एक सृजन यात्रा भागलपुर तक करने वाले हैं. पिछली बार तेजस्वी यादव जब भागलपुर गए थे तब ना उन्हें सभा करने की अनुमति मिली थी ना सृजन के मुख्यालय सबौर जाने की.
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