श्री श्री रविशंकर की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
अयोध्या मसले को बातचीत से सुलझाने की कोशिश में लगे श्री श्री रविशंकर का कहना है कि अगर अयोध्या विवाद नहीं सुलझा तो देश सीरिया में बदल जाएगा. मीडिया से बातचीत में सभी पक्षों से अपील की कि इस देश के भविष्य को ऐसे चंद लोग जो संघर्ष को ही अपना अस्तित्व समझते हैं उनके हवाले मत कीजिए.
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श्री श्री रविशंकर ने कहा कि अयोध्या मुस्लिमों का धार्मिक स्थल नहीं है और उन्हें इस धार्मिक स्तल पर अपना दावा छोड़कर मिसाल पेश करनी चाहिए. ऐसी हरकत यहां हो जाए तो सत्यानाश हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि फैसला अदालत से आया तो भी कोई भी पक्ष राजी नहीं होगा. अगर फैसला अदालत से होगा तो किसी एक पक्ष को हार माननी पड़ेगी. ऐसे में हारा हुआ पक्ष फिलहाल तो मान जाएगा, लेकिन कुछ समय बाद फिर बवाल शुरू होगा जो समाज के लिए अच्छा नहीं होगा. उन्होंने इस विवाद के अदालत से बाहर समाधान पर जोर दिया.
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इससे पहले श्री श्री रविशंकर ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि राम मंदिर मसला शीघ्र सुलझा लिया जाएगा. इसके लिए वह देश के कोने-कोने में जाकर दोनों संबंधित समुदायों के बीच सौहार्द स्थापित करने के प्रयास जारी रखेंगे. सब कुछ सही दिशा में चल रहा है. लोग एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं. यह अच्छी बात है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं दोनों पक्षों के बीच समझौते के प्रयास में लगा हूं. सुलह-समझौते की कोशिशों को पूरे देश से समर्थन मिल रहा है. सभी पक्षों से बातचीत का क्रम बरकरार रखते हुए प्रयास आगे भी जारी रहेगा. उम्मीद है अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता जल्द खुल जाएगा.’इससे पहले, प्रदेश सरकार में संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, अल्पसंख्यक एवं वक्फ मामलों के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के साथ उन्होंने आधे घण्टे अकेले में मंत्रणा की जो मंदिर से सभी पक्षों के सहमति, सौहार्द बनाए रखने व मंदिर निर्माण की बाधाएं दूर करने पर केंद्रित रही.
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मंत्री ने बताया, ‘रविशंकर मथुरा में एक ऐसा विद्यालय स्थापित करने के प्रयास में हैं जहां वह अपने संगठन के उद्देश्यों के अनुरूप बच्चों को शिक्षित व सुसंस्कृत कर सकें.’ उन्होंने बताया, ‘श्रीश्री ने इस कार्य के लिए अपेक्षित भूमि उपलब्ध कराने का आग्रह किया है जिसके लिए प्रयास किए जाएंगे. यदि वह यहां ऐसा विद्यालय स्थापित करना चाहते हैं तो यह इस क्षेत्र के विकास की एक नई राह खोलने का माध्यम बन सकता है्.’
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श्री श्री रविशंकर ने कहा कि अयोध्या मुस्लिमों का धार्मिक स्थल नहीं है और उन्हें इस धार्मिक स्तल पर अपना दावा छोड़कर मिसाल पेश करनी चाहिए. ऐसी हरकत यहां हो जाए तो सत्यानाश हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि फैसला अदालत से आया तो भी कोई भी पक्ष राजी नहीं होगा. अगर फैसला अदालत से होगा तो किसी एक पक्ष को हार माननी पड़ेगी. ऐसे में हारा हुआ पक्ष फिलहाल तो मान जाएगा, लेकिन कुछ समय बाद फिर बवाल शुरू होगा जो समाज के लिए अच्छा नहीं होगा. उन्होंने इस विवाद के अदालत से बाहर समाधान पर जोर दिया.
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इससे पहले श्री श्री रविशंकर ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि राम मंदिर मसला शीघ्र सुलझा लिया जाएगा. इसके लिए वह देश के कोने-कोने में जाकर दोनों संबंधित समुदायों के बीच सौहार्द स्थापित करने के प्रयास जारी रखेंगे. सब कुछ सही दिशा में चल रहा है. लोग एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं. यह अच्छी बात है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं दोनों पक्षों के बीच समझौते के प्रयास में लगा हूं. सुलह-समझौते की कोशिशों को पूरे देश से समर्थन मिल रहा है. सभी पक्षों से बातचीत का क्रम बरकरार रखते हुए प्रयास आगे भी जारी रहेगा. उम्मीद है अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता जल्द खुल जाएगा.’इससे पहले, प्रदेश सरकार में संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, अल्पसंख्यक एवं वक्फ मामलों के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के साथ उन्होंने आधे घण्टे अकेले में मंत्रणा की जो मंदिर से सभी पक्षों के सहमति, सौहार्द बनाए रखने व मंदिर निर्माण की बाधाएं दूर करने पर केंद्रित रही.
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मंत्री ने बताया, ‘रविशंकर मथुरा में एक ऐसा विद्यालय स्थापित करने के प्रयास में हैं जहां वह अपने संगठन के उद्देश्यों के अनुरूप बच्चों को शिक्षित व सुसंस्कृत कर सकें.’ उन्होंने बताया, ‘श्रीश्री ने इस कार्य के लिए अपेक्षित भूमि उपलब्ध कराने का आग्रह किया है जिसके लिए प्रयास किए जाएंगे. यदि वह यहां ऐसा विद्यालय स्थापित करना चाहते हैं तो यह इस क्षेत्र के विकास की एक नई राह खोलने का माध्यम बन सकता है्.’
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