क्रिकेटर श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 5 फरवरी को सुनवाई करेगा.
नई दिल्ली:
क्रिकेटर श्रीसंत ने लाइफ टाइम बैन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने कहा है कि बैन खिलाड़ी के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट पांच फरवरी को मामले की सुनवाई करेगा.
श्रीसंत ने केरल उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसमें बीसीसीआई द्वारा 2013 में आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने के बाद उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था. केरल हाईकोर्ट की सिंगल जज की पीठ ने बैन को हटा दिया था लेकिन बीसीसीआई की अपील पर दो जजों की बेंच ने एकल पीठ के फैसले को पलटते हुए बैन को फिर से लगा दिया. इसी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
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मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ के सामने इस मामले के आने के बाद उन्होंने इसे रोस्टर के अनुसार एक उपयुक्त पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. इस पीठ ने कहा, ‘‘ इस मामले को पांच फरवरी को रोस्टर के मुताबिक उपयुक्त पीठ के समक्ष रखा जाए.’’
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इससे पहले उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने इस 34 वर्षीय तेज गेंदबाज पर एकल पीठ के उस फैसले को पलट दिया था जिसमें बीसीसीआई द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को निरस्त किया गया था.
(इनपुट भाषा से भी)
श्रीसंत ने केरल उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसमें बीसीसीआई द्वारा 2013 में आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने के बाद उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था. केरल हाईकोर्ट की सिंगल जज की पीठ ने बैन को हटा दिया था लेकिन बीसीसीआई की अपील पर दो जजों की बेंच ने एकल पीठ के फैसले को पलटते हुए बैन को फिर से लगा दिया. इसी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
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मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ के सामने इस मामले के आने के बाद उन्होंने इसे रोस्टर के अनुसार एक उपयुक्त पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. इस पीठ ने कहा, ‘‘ इस मामले को पांच फरवरी को रोस्टर के मुताबिक उपयुक्त पीठ के समक्ष रखा जाए.’’
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इससे पहले उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने इस 34 वर्षीय तेज गेंदबाज पर एकल पीठ के उस फैसले को पलट दिया था जिसमें बीसीसीआई द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को निरस्त किया गया था.
(इनपुट भाषा से भी)