मां और पत्नी से मिलते हुए कुलभूषण जाधव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी जेल में बंद कुलभूषण जाधव से उनकी मां और पत्नी के मुलाकात के एक दिन बीत गये. मुलाकात के बाद से भारतीयों के मन में उस बातचीत के बारे में जानने की इच्छा अधिक है. सभी ये जानना चाहते हैं कि इस्लामाबाद में कुलभूषण जाधव और उनकी मां और पत्नी के बीच क्या-क्या बात हुई और वहां पर किस तरह का माहौल था. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर साफ तौर पर कहा कि मुलाकात के दौरान वहां भय का माहौल था, लेकिन परिवार ने हिम्मत और हौसले का परिचय दिया. सूत्र बताते हैं कि कुलभूषण की मां ने अपने बेटे से कहा कि बेटा जब भी बोलना सच बोलना और बताना कि तुम एक कारोबारी हो, ईरान में कारोबार के सिलसिले में थे.
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि जब-जब मराठी में बात करने की कोशिश हुई, तो उन्हें टोका गया. सूत्र बताते हैं कि मुलाकात के दौरान मां जब मराठी में बोलने की कोशिश कर रही थीं, तो वहां मौजूद पाकिस्तानी महिला अधिकारी ने इंटरकॉम बंद कर दिया. इतना ही नहीं, मां ने जब जख्म के निशान दिखाने को कहा तो कुलभूषण बेचैन होकर खड़े हो गये. इससे साफ हो गया कि पाकिस्तान ने शीशे की दीवार और इंटरकॉम का बंदोबस्त सिर्फ सुरक्षा कारणों से नहीं, बल्कि कुलभूषण के खिलाफ अपनी साजिश को साबित करने के लिए कुछ और सबूत जुटाने की मंशा से किया. मराठी में बात करने से रोकने के पीछे का मकसद ये हो सकता है कि उसे डर हो कि कुलभूषण पाकिस्तानी दबाव और प्रताड़ना के बावजूद असलियत का खुलासा न कर दें. पाकिस्तान की तरफ से वहां मराठी भाषा को समझने वाला कोई नहीं था, इसलिए उसने मराठी में बातचीत नहीं होने दी.
यह भी पढ़ें - मुलाकात से पहले कुलभूषण की पत्नी का मंगलसूत्र और चूड़ियां तक उतरवा ली पाकिस्तान ने
हालांकि, इससे पहले मुलाकात के तुरंत बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि कुलभूषण जाधव और उनके परिवार की मुलाकात काफी सकरात्मक रही थी और कुलभूषण जाधव और उनकी मां भी इस मुलाकात से खुश थी. इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने ये दावा भी किया था कि कुलभूषण और उनकी मां ने इस मुलाकात के लिए पाकिस्तान सरकार का शुक्रिया अदा किया था. इसके लिए पाकिस्तान ने कुलभूषण का एक वीडियो भी जारी किया था.
इस्लामाबाद में अपने बेटे कुलभूषण जाधव से मिलने के एक दिन बाद उनकी मां और पत्नी ने मंगलवार को दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान सुषमा स्वराज के आवास पर विदेश सचिव एस. जयशंकर और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार, जाधव की मां अवंती और पत्नी चेतानकुल के साथ थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी कल उनसे इस्लामाबाद में मिलीं. भारत की ओर से परिवार को मिलने देने के अनुरोध के बाद ये मुलाक़ात हुई. बैठक से पहले इसके तौर-तरीक़े तय करने के लिए कूटनीतिक स्तर पर दोनों सरकारें संपर्क में थीं. दोनों पक्षों में समझ साफ़ थी कि और भारतीय पक्ष अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग रहा, लेकिन हमें खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि पाकिस्तान ने कुछ इस तरह बैठक की जिसमें इस समझ का उल्लंघन हुआ.
यह भी पढ़ें - मुलाकात से पहले पाकिस्तान ने बदलवाए थे कुलभूषण जाधव की मां-पत्नी के कपड़े
भारत सरकार की ओर से ये कहा गया कि हमें इस बात का भी खेद है कि जो भरोसा दिलाया गया उसके ख़िलाफ़, पूरी बैठक का कुल माहौल कम से कम परिवार के लोगों के लिए डराने वाला था. हालांकि परिवार के सदस्यों ने हालात का बहुत हौसले और दृढ़ता से सामना किया. बैठक के बाद मिले फीडबैक से लगता है कि जाधव बहुत तनाव में थे और ज़ोर-जबरदस्ती के बीच बोल रहे थे. उनकी ज़्यादातर टिप्पणियां जैसे उन्हें सिखाई गई थीं और उनका मक़सद पाकिस्तान में उनके कथित गतिविधियों की झूठी कहानी को आगे बढ़ाना था.
VIDEO: पाकिस्तान का रवैया खेदपूर्ण: भारत
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि जब-जब मराठी में बात करने की कोशिश हुई, तो उन्हें टोका गया. सूत्र बताते हैं कि मुलाकात के दौरान मां जब मराठी में बोलने की कोशिश कर रही थीं, तो वहां मौजूद पाकिस्तानी महिला अधिकारी ने इंटरकॉम बंद कर दिया. इतना ही नहीं, मां ने जब जख्म के निशान दिखाने को कहा तो कुलभूषण बेचैन होकर खड़े हो गये. इससे साफ हो गया कि पाकिस्तान ने शीशे की दीवार और इंटरकॉम का बंदोबस्त सिर्फ सुरक्षा कारणों से नहीं, बल्कि कुलभूषण के खिलाफ अपनी साजिश को साबित करने के लिए कुछ और सबूत जुटाने की मंशा से किया. मराठी में बात करने से रोकने के पीछे का मकसद ये हो सकता है कि उसे डर हो कि कुलभूषण पाकिस्तानी दबाव और प्रताड़ना के बावजूद असलियत का खुलासा न कर दें. पाकिस्तान की तरफ से वहां मराठी भाषा को समझने वाला कोई नहीं था, इसलिए उसने मराठी में बातचीत नहीं होने दी.
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हालांकि, इससे पहले मुलाकात के तुरंत बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि कुलभूषण जाधव और उनके परिवार की मुलाकात काफी सकरात्मक रही थी और कुलभूषण जाधव और उनकी मां भी इस मुलाकात से खुश थी. इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने ये दावा भी किया था कि कुलभूषण और उनकी मां ने इस मुलाकात के लिए पाकिस्तान सरकार का शुक्रिया अदा किया था. इसके लिए पाकिस्तान ने कुलभूषण का एक वीडियो भी जारी किया था.
इस्लामाबाद में अपने बेटे कुलभूषण जाधव से मिलने के एक दिन बाद उनकी मां और पत्नी ने मंगलवार को दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान सुषमा स्वराज के आवास पर विदेश सचिव एस. जयशंकर और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार, जाधव की मां अवंती और पत्नी चेतानकुल के साथ थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी कल उनसे इस्लामाबाद में मिलीं. भारत की ओर से परिवार को मिलने देने के अनुरोध के बाद ये मुलाक़ात हुई. बैठक से पहले इसके तौर-तरीक़े तय करने के लिए कूटनीतिक स्तर पर दोनों सरकारें संपर्क में थीं. दोनों पक्षों में समझ साफ़ थी कि और भारतीय पक्ष अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग रहा, लेकिन हमें खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि पाकिस्तान ने कुछ इस तरह बैठक की जिसमें इस समझ का उल्लंघन हुआ.
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भारत सरकार की ओर से ये कहा गया कि हमें इस बात का भी खेद है कि जो भरोसा दिलाया गया उसके ख़िलाफ़, पूरी बैठक का कुल माहौल कम से कम परिवार के लोगों के लिए डराने वाला था. हालांकि परिवार के सदस्यों ने हालात का बहुत हौसले और दृढ़ता से सामना किया. बैठक के बाद मिले फीडबैक से लगता है कि जाधव बहुत तनाव में थे और ज़ोर-जबरदस्ती के बीच बोल रहे थे. उनकी ज़्यादातर टिप्पणियां जैसे उन्हें सिखाई गई थीं और उनका मक़सद पाकिस्तान में उनके कथित गतिविधियों की झूठी कहानी को आगे बढ़ाना था.
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