गुहावाटी:
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यहां शनिवार को कट्टरपंथी उग्रवादी संगठनों से अपील की कि वे केंद्र सरकार के शांति प्रस्ताव पर अमल करें और राज्य को विकास के पथ पर ले जाने में सहयोग दें।
मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के तीसरे कार्यकाल के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित एक बड़ी जनसभा में सोनिया ने कहा, "मैं राज्य की बदली हुई तस्वीर देखकर बेहद खुश हूं।"
सोनिया उग्रवादी संगठन उल्फा (युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम) के परेश बरुआ के नेतृत्व वाले शांति वार्ता विरोधी गुट के बंद के ऐलान के बावजूद यहां पहुंचीं। बंद का ऐलान उनके दौरे के विरोध में किया गया है। इसी गुट ने शुक्रवार रात तिनसुकिया जिले में एक बम विस्फोट किया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
सोनिया ने कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच यहां के सरुसोजाई स्टेडियम के एक बड़ी जनसभा को सम्बोधित किया। राज्य में कांग्रेस सरकार की पहली वर्षगांठ पर समारोह का आयोजन इसी स्टेडियम में किया गया। कांग्रेस यहां लागातार तीसरी बार सत्ता में आई है।
सोनिया ने कहा, "मैं आज यहां आकर बेहद खुश हूं। यह बहुत सुखद अवसर है क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार गठित सरकार ने एक साल पूरा कर लिया है।" उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि सरकार की नीतियां राज्य के लोगों का विश्वास जीतने में सक्षम रही हैं। लोगों के विश्वास ने सरकार की जिम्मेदारियां बढ़ा दी हैं।
सोनिया ने कहा, "ज्यादातर उग्रवादी संगठन यह मान चुके हैं कि हिंसा से उनकी समस्याओं का हल निकलने वाला नहीं है। मैं उम्मीद करती हूं कि जो लोग शांति समझौते से अभी तक दूरी बनाए हुए हैं, वे भी केंद्र सरकार की शांति पहल में बहुत जल्द शामिल हो जाएंगे।" उन्होंने कहा, "आप सभी को पता ही है कि 2001 में जब मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी, उस समय राज्य की स्थिति अत्यंत शोचनीय थी। सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा था। सड़कें नहीं थीं, कोई ग्रामीण विकास कार्यक्रम और उद्योग नहीं था। कानून एवं व्यवस्था की समस्या के चलते व्यवसायी राज्य को छोड़ने लगे थे। आज मैं यहां की बदली हुई तस्वीर देखकर बहुत खुश हूं।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "लगभग 27 वर्ष पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने राज्य के विकास के लिए ऐतिहासिक असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। मौजूदा सरकार राज्य को विकास की ओर ले जाने के लिए लगातार असम समझौते के निर्देश के मुताबिक कार्य कर रही है।" उन्होंने कहा, "यह मौजूदा सरकार के निरंतर प्रयासों का ही परिणाम है कि राज्य ने विकास के मामले में कई उपलब्धियां हासिल करने में सक्षम रही है। असम ने खाद्यान्नों का रिकार्ड उत्पादन कर देश में एक इतिहास रचा है। चाय उद्योग को असम में कांग्रेस शासन के पिछले 11 वर्षों के दौरान आजीवन पट्टा मिला है। असम ऐसा पहला राज्य है जहां उच्च विद्यालयों के छात्रों को मुफ्त कम्यूटर दिए गए हैं।"
सोनिया ने कहा, "राज्य के लोगों ने सरकार को हरसम्भव सहयोग दिया है और कांग्रेस सरकार असम को देश के विकसित एवं शांतिपूर्ण राज्यों में से एक बनाने की प्रक्रिया में लोगों को कभी निराश नहीं होने देगी।"
मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के तीसरे कार्यकाल के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित एक बड़ी जनसभा में सोनिया ने कहा, "मैं राज्य की बदली हुई तस्वीर देखकर बेहद खुश हूं।"
सोनिया उग्रवादी संगठन उल्फा (युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम) के परेश बरुआ के नेतृत्व वाले शांति वार्ता विरोधी गुट के बंद के ऐलान के बावजूद यहां पहुंचीं। बंद का ऐलान उनके दौरे के विरोध में किया गया है। इसी गुट ने शुक्रवार रात तिनसुकिया जिले में एक बम विस्फोट किया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
सोनिया ने कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच यहां के सरुसोजाई स्टेडियम के एक बड़ी जनसभा को सम्बोधित किया। राज्य में कांग्रेस सरकार की पहली वर्षगांठ पर समारोह का आयोजन इसी स्टेडियम में किया गया। कांग्रेस यहां लागातार तीसरी बार सत्ता में आई है।
सोनिया ने कहा, "मैं आज यहां आकर बेहद खुश हूं। यह बहुत सुखद अवसर है क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार गठित सरकार ने एक साल पूरा कर लिया है।" उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि सरकार की नीतियां राज्य के लोगों का विश्वास जीतने में सक्षम रही हैं। लोगों के विश्वास ने सरकार की जिम्मेदारियां बढ़ा दी हैं।
सोनिया ने कहा, "ज्यादातर उग्रवादी संगठन यह मान चुके हैं कि हिंसा से उनकी समस्याओं का हल निकलने वाला नहीं है। मैं उम्मीद करती हूं कि जो लोग शांति समझौते से अभी तक दूरी बनाए हुए हैं, वे भी केंद्र सरकार की शांति पहल में बहुत जल्द शामिल हो जाएंगे।" उन्होंने कहा, "आप सभी को पता ही है कि 2001 में जब मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी, उस समय राज्य की स्थिति अत्यंत शोचनीय थी। सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा था। सड़कें नहीं थीं, कोई ग्रामीण विकास कार्यक्रम और उद्योग नहीं था। कानून एवं व्यवस्था की समस्या के चलते व्यवसायी राज्य को छोड़ने लगे थे। आज मैं यहां की बदली हुई तस्वीर देखकर बहुत खुश हूं।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "लगभग 27 वर्ष पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने राज्य के विकास के लिए ऐतिहासिक असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। मौजूदा सरकार राज्य को विकास की ओर ले जाने के लिए लगातार असम समझौते के निर्देश के मुताबिक कार्य कर रही है।" उन्होंने कहा, "यह मौजूदा सरकार के निरंतर प्रयासों का ही परिणाम है कि राज्य ने विकास के मामले में कई उपलब्धियां हासिल करने में सक्षम रही है। असम ने खाद्यान्नों का रिकार्ड उत्पादन कर देश में एक इतिहास रचा है। चाय उद्योग को असम में कांग्रेस शासन के पिछले 11 वर्षों के दौरान आजीवन पट्टा मिला है। असम ऐसा पहला राज्य है जहां उच्च विद्यालयों के छात्रों को मुफ्त कम्यूटर दिए गए हैं।"
सोनिया ने कहा, "राज्य के लोगों ने सरकार को हरसम्भव सहयोग दिया है और कांग्रेस सरकार असम को देश के विकसित एवं शांतिपूर्ण राज्यों में से एक बनाने की प्रक्रिया में लोगों को कभी निराश नहीं होने देगी।"
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