यह ख़बर 02 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मोदी के नेपाल दौरे में अपने परिवार से मिलेगा बिछड़ा युवक

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले नेपाल दौरे में कल एक विशेष मानवीय पहलु देखने को मिलेगा, जब एक युवक 16 वर्ष बाद अपने अभिभावकों से मिलेगा। करीब एक दशक पहले अहमदाबाद में मोदी के संपर्क में आया और तब से उनकी देखभाल में रह रहा 26 वर्षीय युवक जीत बहादुर प्रधानमंत्री के साथ काठमांडो की यात्रा पर जाएगा और प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से उसे उसकी मां और बड़े भाई को सौंपेंगे।

मोदी ने दो दिवसीय दौरे की पूर्व संध्या पर आज शाम कहा, 'व्यक्तिगत रूप से मेरी नेपाल यात्रा विशेष है.. इस दौरे से कुछ निजी भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं।' प्रधानमंत्री ने कई ट्विट जारी कर कहा कि कई वर्ष पहले बहादुर उन्हें असहाय स्थिति में मिला और उन्होंने इसके बाद की कुछ स्थितियों का जिक्र किया है।

मोदी ने ट्विट किया, 'कई वर्ष पहले जीत बहादुर असहाय स्थिति में मिला था। वह कुछ नहीं जानता था कि कहां जाना है, क्या करना है। वह किसी को नहीं जानता था न ही कोई भाषा समझता था।' उन्होंने कहा, 'मैंने उसके बारे में सोचना शुरू किया। धीरे-धीरे उसने पढ़ने और खेलने में रूचि दिखाई। उसने गुजराती भाषा भी सीखी।'

मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले उन्होंने बहादुर के अभिभावकों का पता लगाया। उन्होंने ट्विट किया, 'यह इसलिए संभव हो सका कि उसके पैर में छह अंगुलियां हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'शुक्र है, हम उसके अभिभावकों का पता लगा सके। मैं खुश हूं कि कल अभिभावक अपने बेटे से मिलेंगे।'

बहादुर का पूरा नाम जीत बहादुर मागर है और उसका परिवार पश्चिम नेपाल के नवलपारसी जिले के कवासोती नगर निगम इलाके की झुग्गियों में रहता है।

नेपाली मीडिया की खबरों के मुताबिक फिलहाल अहमदाबाद में बीबीए कर रहा बहादुर 1998 में नेपाल से आए कई अन्य प्रवासियों की तरह काम की तलाश में अपने भाई के साथ भारत आया था। कुछ समय तक उसने राजस्थान में काम किया। कुछ समय बाद उसने नेपाल लौटने का निर्णय किया क्योंकि वह अपने काम से खुश नहीं था।

मीडिया की खबरों में बताया गया है कि राजस्थान छोड़ते समय वह नेपाल की सीमा से लगते उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जाने के बजाए गलती से अहमदाबाद जाने वाली रेलगाड़ी में सवार हो गया। अहमदाबाद पहुंचने पर एक महिला उसे मोदी के घर लेकर गई। उसे समय तक मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं बने थे। तब से बहादुर मोदी की देखभाल में था। मोदी के प्रधानमंत्री बनने और दिल्ली चले आने के बाद बहादुर विश्वविद्यालय के छात्रावास में चला गया।

मीडिया की खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री उसके परिवार के चार सदस्यों से मुलाकात करेंगे जो अपने गृह नगर कवासोती से काठमांडो आए हुए हैं। उसके परिवार के सदस्यों में उसकी मां खगीसारा, बड़ा भाई दशरथ, भाई की पत्नी और छोटी बहन प्रेम कुमारी हैं।

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काठमांडो में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने पहले कवासोती में बहादुर के परिवार से मुलाकात की और उन्हें मोदी के दौरे एवं उनसे मिलने की इच्छा के बारे में बताया। मीडिया की खबरों में बताया गया है कि उनके फोटोग्राफ और नागरिकता के सर्टिफिकेट भी जुटा लिए गए हैं। दशरथ के मुताबिक, 'मोदी जीत बहादुर को अपनी मौजूदगी में उसके परिवार से मिलाना चाहते थे।'