मुलायम के घर हुई पंचायत में 'यादव परिवार' में कुछ सुलह तो हुई...

मुलायम के घर हुई पंचायत में 'यादव परिवार' में कुछ सुलह तो हुई...

अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो)

खास बातें

  • बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा जमीनों पर कब्जे का था
  • शिवपाल यादव कब्जों की पूरी लिस्ट लेकर पहुंचे थे
  • मुख्तार की पार्टी के विलय का मामला मुलायम को सौंपा गया
लखनऊ:

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के घर पर सोमवार को यूपी के 'यादव खानदान' के झगड़े की 'पंचायत' हुई. इस पंचायत में जमीनों पर पार्टी नेताओं के कब्जे, यादव लैंड कहलाने वाले इटावा, एटा, मैनपुरी में नकली शराब के कारोबार और मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के विलय के मुद्दे पर बात हुई.

मुलायम के बंगले 5, विक्रमादित्य मार्ग पर यादव परिवार की पंचायत सुबह 11 बजे शुरू हुई और करीब दो बजे तक चलती रही. सबसे बड़ा मुद्दा मैनपुरी और आसपास जमीनों के कब्जे का था. पिछले दिनों मुलायम के भाई शिवपाल यादव ने कहा था कि प्रशासन उनके कहने के बावजूद कार्रवाई नहीं कर रहा है. अगर यही हाल रहा तो वे इस्तीफा देकर विपक्ष में बैठेंगे. इसके बाद इस पर हंगामा हो गया और मुलायम सिंह यादव ने कह दिया कि शिवपाल के खिलाफ साजिश हो रही है.

सोमवार की बैठक में शिवपाल यादव कब्जों की पूरी लिस्ट लेकर पहुंचे. साथ ही वे अर्जियां भी, जिनमें लोगों ने अपनी जमीन पर पार्टी के कब्जे की शिकायत की है. सूत्रों के मुताबिक मुलायम सिंह ने अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव से कहा कि ऐसी शिकायत मिली है कि लोग आपका नाम लेकर कब्जा कर रहे हैं. इससे आपकी, परिवार की और पार्टी की - तीनों की बदनामी हो रही है. इसे रोकना चाहिए. साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव से हर मामले की जांच कर कार्रवाई करने को कहा.

बैठक में बात कौमी एकता दल के विलय की भी हुई. पता चला है कि रामगोपाल और शिवपाल इस पर राजी थे, लेकिन अखिलेश यादव का कहना था कि मुख्तार अंसारी की इमेज बहुत खराब है, इसलिए इस विलय से नुकसान होगा. अखिलेश को बताया गया कि पार्टी मुख्तार से दूर रहेगी और उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा. लेकिन इस पर भी अखिलेश तैयार नहीं हुए. ऐसे में मामला मुलायम सिंह यादव को सौंप दिया गया.

मुलायम ने रामगोपाल और शिवपाल से कहा कि बाहर कोई भी ऐसा बयान नहीं देगा, जिससे लगे कि परिवार में फूट है. बाद में रामगोपाल यादव ने मीडिया से कहा कि उनके और शिवपाल के बीच कोई मतभेद नहीं हैं और जमीनों पर कब्जे बीजेपी और बीएसपी के लोग कर रहे हैं. उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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