देश में पिछले 10 दिन में ही कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के 50 से अधिक मामले आ चुके हैं. इसके बावजूद भारत में ‘सोशल वैक्सीन' के रूप में सामाजिक दूरी के अनुपालन में कोताही देखने को मिल रही है. लोकलसर्किल्स के एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है. लोकलसर्किल्स ने यह सर्वे इस बात का पता लगाने के लिए किया था कि क्या ओमिक्रॉन के बाद लोग सजग हुए हैं? इस सर्वे के नतीजे कहते हैं कि देश में टीका लगवा चुके लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और रोजाना आने वाले संक्रमण के मामले 10,000 से नीचे आ गए हैं.
ऐसी स्थिति में लोग सामाजिक दूरी को लेकर कोताही बरतने लगे हैं. इसके उलट महामारी से बचाव का एकमात्र और पक्का उपाय मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का अनुपालन करना ही है. दुनिया भर के वैज्ञानिकों और महामारी से जुड़े विशेषज्ञों ने ओमिक्रॉन को लेकर चिंता जताई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘चिंता वाला स्वरूप' बताया है. कुछ ही सप्ताह में दुनिया के 60 से अधिक देशों में ओमिक्रॉन के मामले आ चुके हैं.
लोकसर्किल्स के इस सर्वे में देश भर के 303 जिलों के 25,000 से अधिक लोगों की राय ली गई. सर्वेक्षण में लोगों से यह पूछा गया कि उनके शहर/जिले/क्षेत्र के लोग अब सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन किस तरह कर रहे हैं. इसके जवाब में 83 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके क्षेत्र में सामाजिक दूरी का अनुपालन अब नाममात्र या शून्य है. केवल 11 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि 30-60 प्रतिशत लोग अब भी इनका अनुपालन कर रहे हैं. वहीं दो प्रतिशत का कहना था कि 60-90 प्रतिशत लोग इन दिशानिर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं. वहीं चार प्रतिशत ने इसपर कोई राय नहीं दी.
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