
प्रतीकात्मक तस्वीर
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नए जूतों का लालच देकर बच्ची को ले गया पिता और नदी में फेंका
जलकुंभी के सहारे नदी में कई घंटों तक तैरती रही बच्ची
बाद में फायर ब्रिगेड की मदद से उसे बाहर निकाला गया
ब्रिज के पास मोहन ग्रुप नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी है, जिसके सिक्युरिटी गार्ड रमेश भोईर (35) गुरुवार सुबह राउंड पर निकले थे। इस दौरान सुबह करीब छह बजे उन्होंने बच्ची के रोने की आवाज सुनी पर उन्हें कुछ नजर नहीं आया। इसके बाद वे ब्रिज पर गए और देखा कि एक छोटी बच्ची जलकुंभियों के सहारे पानी की सतह पर तैर रही है। उन्होंने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड के सूचना दी।
फायर ब्रिगेड को मौके पर पहुंचने में करीब 15 मिनट का समय लगा जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बच्ची को बाहर निकाला गया। पुलिस करीब पौने आठ बजे मौके पर पहुंची, तब तक बच्ची को निकाला जा चुका था।
बच्ची की पहचान ठाणे के वर्तक नगर में रहने वाली एकता तुलसीराम सियानी के रूप में हुई है। भोईर ने बताया, "जब हमने उससे पूछा कि वह नदी में कैसे गिरी तो उसने बताया कि उसके पापा और उनके एक दोस्त ने उसे नदी में फेंका था।' पुलिस को दिए बयान में बच्ची ने बताया कि उसके पिता उसे नए जूते दिलाने का लालच देकर साथ ले गए थे और रात करीब आठ बजे उसे नदी में फेंक दिया।
कुलगांव बदलापुर फायर ब्रिगेड के मुख्य अधिकारी भागवत सोनोने ने बताया, " हमें सुबह करीब 6:10 बजे फोन पर घटना की सूचना मिली, इस इलाके में नदी की गहराई करीब 25 फीट है और ब्रिज जल स्तर से करीब 40 फीट ऊंचा है। रस्सी से एक एयर ट्यूब बांधकर नीचे फेंका गया जिसकी मदद से करीब 20 मिनट में बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।"
वर्तक नगर पुलिस थाने के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर केजी गावित ने बताया कि बच्ची की मां ने बुधवार रात बच्ची के गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस अपहरण का मामला दर्ज किया था। गुरुवार सुबह हमें बच्ची के मिलने की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि बच्ची के पिता की तलाश की जा रही है।
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