प्रतीकात्मक तस्वीर
ठाणे (महाराष्ट्र):
जाको राखे साइयां, मार सके न कोय...यह कहावत हाल ही में महाराष्ट्र के ठाणे में सच साबित हुई। यहां पर एक पिता अपनी छह साल की बच्ची को नए जूतों का लालच देकर साथ ले गया और दोस्त के साथ मिलकर उसे उल्हास नदी में फेंक दिया। नदी में फेंके जाने के बाद बच्ची जलकुंभियों के सहारे 11 घंटों तक तैरती रही। घटना बुधवार रात करीब 8 बजे वालिव्ली ब्रिज के पास हुई। बच्ची को गुरुवार सुबह करीब 7 बजे फायर ब्रिगेड की मदद से बाहर निकाला गया।
ब्रिज के पास मोहन ग्रुप नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी है, जिसके सिक्युरिटी गार्ड रमेश भोईर (35) गुरुवार सुबह राउंड पर निकले थे। इस दौरान सुबह करीब छह बजे उन्होंने बच्ची के रोने की आवाज सुनी पर उन्हें कुछ नजर नहीं आया। इसके बाद वे ब्रिज पर गए और देखा कि एक छोटी बच्ची जलकुंभियों के सहारे पानी की सतह पर तैर रही है। उन्होंने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड के सूचना दी।
फायर ब्रिगेड को मौके पर पहुंचने में करीब 15 मिनट का समय लगा जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बच्ची को बाहर निकाला गया। पुलिस करीब पौने आठ बजे मौके पर पहुंची, तब तक बच्ची को निकाला जा चुका था।
बच्ची की पहचान ठाणे के वर्तक नगर में रहने वाली एकता तुलसीराम सियानी के रूप में हुई है। भोईर ने बताया, "जब हमने उससे पूछा कि वह नदी में कैसे गिरी तो उसने बताया कि उसके पापा और उनके एक दोस्त ने उसे नदी में फेंका था।' पुलिस को दिए बयान में बच्ची ने बताया कि उसके पिता उसे नए जूते दिलाने का लालच देकर साथ ले गए थे और रात करीब आठ बजे उसे नदी में फेंक दिया।
कुलगांव बदलापुर फायर ब्रिगेड के मुख्य अधिकारी भागवत सोनोने ने बताया, " हमें सुबह करीब 6:10 बजे फोन पर घटना की सूचना मिली, इस इलाके में नदी की गहराई करीब 25 फीट है और ब्रिज जल स्तर से करीब 40 फीट ऊंचा है। रस्सी से एक एयर ट्यूब बांधकर नीचे फेंका गया जिसकी मदद से करीब 20 मिनट में बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।"
वर्तक नगर पुलिस थाने के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर केजी गावित ने बताया कि बच्ची की मां ने बुधवार रात बच्ची के गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस अपहरण का मामला दर्ज किया था। गुरुवार सुबह हमें बच्ची के मिलने की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि बच्ची के पिता की तलाश की जा रही है।
ब्रिज के पास मोहन ग्रुप नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी है, जिसके सिक्युरिटी गार्ड रमेश भोईर (35) गुरुवार सुबह राउंड पर निकले थे। इस दौरान सुबह करीब छह बजे उन्होंने बच्ची के रोने की आवाज सुनी पर उन्हें कुछ नजर नहीं आया। इसके बाद वे ब्रिज पर गए और देखा कि एक छोटी बच्ची जलकुंभियों के सहारे पानी की सतह पर तैर रही है। उन्होंने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड के सूचना दी।
फायर ब्रिगेड को मौके पर पहुंचने में करीब 15 मिनट का समय लगा जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बच्ची को बाहर निकाला गया। पुलिस करीब पौने आठ बजे मौके पर पहुंची, तब तक बच्ची को निकाला जा चुका था।
बच्ची की पहचान ठाणे के वर्तक नगर में रहने वाली एकता तुलसीराम सियानी के रूप में हुई है। भोईर ने बताया, "जब हमने उससे पूछा कि वह नदी में कैसे गिरी तो उसने बताया कि उसके पापा और उनके एक दोस्त ने उसे नदी में फेंका था।' पुलिस को दिए बयान में बच्ची ने बताया कि उसके पिता उसे नए जूते दिलाने का लालच देकर साथ ले गए थे और रात करीब आठ बजे उसे नदी में फेंक दिया।
कुलगांव बदलापुर फायर ब्रिगेड के मुख्य अधिकारी भागवत सोनोने ने बताया, " हमें सुबह करीब 6:10 बजे फोन पर घटना की सूचना मिली, इस इलाके में नदी की गहराई करीब 25 फीट है और ब्रिज जल स्तर से करीब 40 फीट ऊंचा है। रस्सी से एक एयर ट्यूब बांधकर नीचे फेंका गया जिसकी मदद से करीब 20 मिनट में बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।"
वर्तक नगर पुलिस थाने के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर केजी गावित ने बताया कि बच्ची की मां ने बुधवार रात बच्ची के गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस अपहरण का मामला दर्ज किया था। गुरुवार सुबह हमें बच्ची के मिलने की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि बच्ची के पिता की तलाश की जा रही है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
पिता ने बच्ची को नदी में फेंका, उल्हास नदी, ठाणे, Ulhas River, Thane, Father Throws Daughter In River