माकपा महासचिव सीताराम येचुरी (फाइल फोटो)
खास बातें
- नोटबंदी पर संसद में पीएम की चुप्पी को लेकर साधा निशाना
- चीजों को दुरूस्त होने में कम से कम छह महीने लगेंगे : येचुरी
- 'उसके बाद जाली नोट, कालाधन का प्रसार होगा और भ्रष्टाचार जारी रहेगा'
बेंगलुरु: नोटबंदी पर संसद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की टिप्पणी का समर्थन करते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने इस मुद्दे पर खामोश बने रहने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को 'नरेंद्र मौन मोदी' बताया.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'श्रीमान नरेंद्र मोदी, मनमोहन सिंह को 'मौन मोहन सिंह' कहा करते थे...क्योंकि वह नहीं बोला करते थे. संसद के इस सत्र में स्थिति बदल गई. मनमोहन सिंह ने मुखर होकर बोला और यह मोदी थे, जो चुप बैठे थे और ब्रेक के बाद संसद नहीं लौटे.'
नोटबंदी पर मनमोहन सिंह की टिप्पणी के मद्देनजर यह बयान आया है. मनमोहन ने कहा था कि नोटबंदी का कदम आर्थिक संवृद्धि की दर को कम से कम दो फीसदी नीचे कर देगा और यह 'संगठित और कानूनी लूट' का मामला है तथा प्रबंधन की नाकामी का ऐतिहासिक मामला है.
येचुरी ने कहा कि नोटबंदी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव होगा, क्योंकि अब चीजों को दुरूस्त होने में कम से कम छह महीने का वक्त लगेगा. उन्होंने कहा कि इस अवधि के बाद जाली नोट, काला धन का प्रसार होगा और भ्रष्टाचार जारी रहेगा.
येचुरी ने कहा कि भारत में नोटबंदी बिल्कुल अलग चीज है, क्योंकि देश की आबादी 1.3 अरब है और इंटरनेट कनेक्टिविटी अपर्याप्त है. स्वीडन में यह प्रयोग इसलिए सफल रहा क्योंकि वहां की आबादी बहुत कम है और शत-प्रतिशत आबादी के पास इंटरनेट उपलब्धता है. यही वजह है कि स्वीडन दुनिया की पहली नकदी रहित अर्थव्यवस्था बनने में कामयाब रहा.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)