लद्दाख में हुई झड़प में कर्नल समेत 3 भारतीयों सैनिकों ने जान गंवाई है. वहीं सूत्रों का कहना है कि चीनी पक्ष को भी खासा नुकसान हुआ है. तीन से चार सैनिक इस झड़प में मारे गए हैं. उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, सीडीएस बिपिन रावत 0और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक की है. हालात को लेकर सुबह 7:30 बजे से भारत और चीन के बीच बैठक चल रही है. चीन लगातार भारत से बैठक की मांग कर रहा है. वहीं मिल रही जानकारी के मुताबिक दोनों सेनाओं के अधिकारी बैठक कर तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं बताया जा रहा है कि हिंसक झड़प के बाद यह घटना घटी है. दोनों पक्षों की ओर से कोई फायरिंग नहीं की गई है. भारतीय सेना से जुड़े को कहना है कि झड़प के दौरान पत्थर और राड का इस्तेमाल किया गया है.
10 बड़ी बातें
भारतीय सेना का एक कर्नल और 2 सैनिकों ने जिस जगह जान गंवाई हैं वह लद्दाख का बेहद बर्फीला इलाका है.
इस इलाके में काफी समय से दोनों सेनाओं के बीच तनाव जारी है. हालात ये हैं कि दोनों सेनाओं ने काफी तोपों और अन्य हथियार इकट्ठा कर रखे हैं.
झड़प के बाद दोनों सेनाओं के मेजर जनरलों के बीच मुलाकात जारी है. इधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुख और विदेश मंत्री के साथ बैठक की है.
कुछ दिन पहले सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने कहा था कि गलवान घाटी में दोनों ही सेनाएं अब पीछे हट रही हैं. लेकिन आज खबर आई कि सेना का एक कर्नल और दो सैनिक शहीद हो गए हैं.
इससे पहले भारतीय सेना की ओर से बयान जारी किया गया था कि तीन भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं. लेकिन बाद में इसमें बदलाव कर कहा गया कि दोनों पक्षों को नुकसान पहुंचा है.
सेना की ओर से जारी मुताबिक दोनों सेनाएं गलवान घाटी में सहमति के तहत पीछे हट रही थीं तभी हिंसक झड़प शुरू हो गई. भारत के एक अधिकारी और 2 सैनिक शहीद हो गए हैं.
वहीं इस घटना के बाद चीन की ओर से यह भी बयान दिया गया है कि भारतीय सैनिकों ने सीमा पार कर चीन के सैनिकों को उकसाया है. जिसका नतीजे में झड़प हो गई.
इतना ही नहीं चीन की ओर से भारत से एक विरोध दर्ज कराया गया है. इस बात की जानकारी चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी है.
आपको बता दें कि बीते एक महीने से ज्यादा समय में लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाएं काफी समय से आमने-सामने हैं.
चीन, इस सीमा पर भारत की ओर से किए जा रहे निर्माण का विरोध किया जा रहा है. चीन का कहना है कि भारत उसके इलाके में निर्माण कार्य कर रहा है. हालांकि भारत का कहना है कि यह उसका इलाका है और वह अपने लोगों के लिए की सहूलियत यह निर्माण काम कर रहा है.