विज्ञापन
This Article is From Feb 04, 2011

'राजग सरकार में शुरू हुआ स्पेक्ट्रम नीति का उल्लंघन'

सिब्बल ने कहा कि 2जी फोन सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की नीतियों का उल्लंघन भाजपा की नेतृत्व वाली सरकार के दौरान वर्ष 2003 में शुरू हुआ।
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली: केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा कि दूसरी पीढ़ी की 2जी फोन सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की नीतियों का उल्लंघन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेतृत्व वाली सरकार के दौरान वर्ष 2003 में शुरू हुआ। सिब्बल वर्ष 2001 से 2009 के बीच स्पेक्ट्रम आवंटन नीति की समीक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश शिवराज वी. पाटिल के नेतृत्व में गठित एक सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के बारे में बता रहे थे। उन्होंने कहा, "2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए वर्ष 2003 से लिए गए सभी निर्णय गलत हैं।" सिब्बल ने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए पहले आओ पहले पाओ की अनुचित नीति राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के समय में शुरू हुई। सिब्बल ने कहा, "आज जो आरोप लगा रहे हैं, उनमें इस अनुचित नीति की शुरुआत करने वाले भी शामिल हैं। इसे लेकर उस समय क्यों नहीं जांच की गई? मंत्रिमंडल के फैसले को न मानने वाले मंत्रियों से पूछताछ नहीं की गई।" उन्होंने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने वर्ष 2003 में सलाह दी थी कि बहु स्तरीय नीलामी प्रक्रिया के जरिए अतिरिक्त दूरसंचार कम्पनियों को इसमें शामिल किया जा सकता है और मंत्रिमंडल ने इसे वर्ष 2003 में स्वीकार किया था लेकिन राजग ने इसका अनुसरण नहीं किया। सिब्बल ने हैरानी जताते हुए कहा कि राजग की इस मनमानी की अनदेखी विपक्षी दलों ने क्यों की जबकि वे इस घोटाले के लिए मई 2004 में सत्ता में आने वाली प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नेतृत्ववाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
राजग, सरकार, स्पेक्ट्रम नीति, उल्लंघन
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com