
7 जून को आयोजित संघ के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गये थे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी
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शिवसेना संजय राउत का बयान
बहुमत न मिलने पर संघ कर सकता है ऐलान
पीएम पद के लिये प्रणब मुखर्जी का नाम हो सकता है घोषित
We feel RSS is preparing itself for a situation where it might put forth Pranab Mukherjee ji as PM name if BJP fails to get required numbers, in any case BJP will lose a minimum of 110 seats this time: Sanjay Raut,Shiv Sena pic.twitter.com/y36dsakELo
— ANI (@ANI) June 10, 2018
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वहीं कार्यक्रम में हिस्सा लेने गये प्रणब मुखर्जी ने संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी और विजिटर डायरी में उनको भारत माता का सच्चा सपूत बताया. दरअसल कांग्रेस के लिये दिक्कत यहीं से शुरू हो गई क्योंकि पार्टी हमेशा से वैचारिक तौर पर संघ का विरोध करती रही है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हमेशा ही आरएसएस को सांप्रदायिक संगठन बताते रहते हैं.
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वहीं बीजेपी की ओर से प्रणब मुखर्जी के इस फैसले का स्वागत किया गया और इसे लोकतंत्र में संवाद का हिस्सा बताया. पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि प्रणब मुखर्जी का आरएसएस के मुख्यालय में जाना एक ऐतिहासिक घटना है. आरएसएस के आजीवन स्वयंसेवक आडवाणी ने कहा कि उनका मानना है कि प्रणब मुखर्जी और भागवत ने विचारधाराओं एवं मतभेदों से परे संवाद का सही अर्थो में सराहनीय उदाहरण पेश किया है. उन्होंने कहा कि दोनों ने भारत में एकता के महत्व को रेखांकित किया जो बहुलतावाद समेत सभी तरह की विविधता को स्वीकार एवं सम्मान करती है.
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