शिवपाल यादव इटावा की जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ेंगे.
लखनऊ:
मंगलवार सुबह पिता और पुत्र के बीच सुलह के संकेतों के बीच मुलायम सिंह ने अपने 38 समर्थकों की सूची मुख्यमंत्री को सौंपी थी. सूत्रों के मुताबिक उस वक्त सूची में शिवपाल यादव का नाम नहीं था. उनकी जगह उनके बेटे आदित्य को सूची में जगह दी गई थी. लेकिन शाम को मुलायम सिंह ने तब्दीली करते हुए उसमें शिवपाल यादव का नाम भी जोड़ दिया. यह भी कहा जा रहा है कि शिवपाल अपनी परंपरागत सीट जसवंतनगर से उम्मीदवार होंगे.
इससे पहले जो सूची सौंपी गई थी, उसमें अखिलेश यादव द्वारा बर्खास्त किए गए चारों मंत्रियों के नाम सूची में हैं. अंबिका चौधरी, ओम प्रकाश सिंह, नारद राय, शादाब फातिमा जैसे चेहरे भी इस सूची में शामिल हैं. इन लोगों को शिवपाल यादव का करीबी माना जाता रहा है.
दरअसल कल चुनाव आयोग के अखिलेश खेमे के पक्ष में फैसला आने के बाद से ही मुलायम सिंह ने खामोशी अख्तियार कर रखी थी. उनके अगले कदम पर ही सबकी निगाहें टिकी हुई थीं. कल आयोग के फैसले से पहले मुलायम सिंह पार्टी मुख्यालय पहुंचे थे और वहां पर उन्होंने अखिलेश यादव की आलोचना की थी. माना जा रहा था कि यदि फैसला मुलायम के पक्ष्ा में नहीं आएगा तो वह लोकदल के चुनाव निशान पर अपने प्रत्याशियों को उतारेंगे.
ऐसा होने पर अखिलेश के प्रत्याशियों को नुकसान हो सकता था. इसलिए माना जा रहा है कि मुलायम का मानना बेहद जरूरी है और उनको मनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. उसी की अगली कड़ी में सूत्र कह रहे हैं कि मुलायम सिंह अब मान गए हैं और अखिलेश के प्रत्याशियों के समक्ष अपने उम्मीदवार नहीं खड़े करेंगे.
इससे पहले जो सूची सौंपी गई थी, उसमें अखिलेश यादव द्वारा बर्खास्त किए गए चारों मंत्रियों के नाम सूची में हैं. अंबिका चौधरी, ओम प्रकाश सिंह, नारद राय, शादाब फातिमा जैसे चेहरे भी इस सूची में शामिल हैं. इन लोगों को शिवपाल यादव का करीबी माना जाता रहा है.
दरअसल कल चुनाव आयोग के अखिलेश खेमे के पक्ष में फैसला आने के बाद से ही मुलायम सिंह ने खामोशी अख्तियार कर रखी थी. उनके अगले कदम पर ही सबकी निगाहें टिकी हुई थीं. कल आयोग के फैसले से पहले मुलायम सिंह पार्टी मुख्यालय पहुंचे थे और वहां पर उन्होंने अखिलेश यादव की आलोचना की थी. माना जा रहा था कि यदि फैसला मुलायम के पक्ष्ा में नहीं आएगा तो वह लोकदल के चुनाव निशान पर अपने प्रत्याशियों को उतारेंगे.
ऐसा होने पर अखिलेश के प्रत्याशियों को नुकसान हो सकता था. इसलिए माना जा रहा है कि मुलायम का मानना बेहद जरूरी है और उनको मनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. उसी की अगली कड़ी में सूत्र कह रहे हैं कि मुलायम सिंह अब मान गए हैं और अखिलेश के प्रत्याशियों के समक्ष अपने उम्मीदवार नहीं खड़े करेंगे.
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