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This Article is From May 03, 2017

मैंने संविधान भले न पढ़ा हो, शकुनि को गीता जरूर पढ़नी चाहिए : रामगोपाल पर शिवपाल का तंज

मैंने संविधान भले न पढ़ा हो, शकुनि को गीता जरूर पढ़नी चाहिए : रामगोपाल पर शिवपाल का तंज
शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव को बताया- शकुनि
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सपा में कम नहीं हो रहा घमासान
मुलायम को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद लौटाने पर विवाद
शिवपाल यादव लगातार कर रहे हैं पद लौटाने की मांग
लखनऊ: यादव परिवार में बात बनने के बजाय बिगड़ती जा रही है. आज शिवपाल यादव ने इटावा में चचेरे भाई रामगोपाल यादव पर हमला बोला और उन्हें शकुनि तक कह डाला. मामला यह है कि दो दिन पहले रामगोपाल यादव से इटावा में ही मीडिया ने जब पूछा कि शिवपाल यादव का कहना है कि अखिलेश यादव को अपने वादे के मुताबिक अब नेताजी को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद दे देना चाहिए. इस पर भड़क कर रामगोपाल ने जवाब दिया कि शिवपाल यादव बेकार की बातें करते हैं. उन्होंने पार्टी का संविधान नहीं पढ़ा है. पार्टी का सदस्यता अभियान चल रहा है. शिवपाल तो अभी सदस्य तक भी नहीं बने हैं.

आज मीडिया के लोगों ने शिवपाल यादव से जब यह बात दोहराई तो उन्होंने कहा कि मैंने संविधान भले की न पढ़ा हो लेकिन शकुनि को गीता जरूर पढ़नी चाहिए. 

अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा चुनावों के वक्त मुलायम सिंह को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाकर खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे. उन्होंने मीडिया से कहा था कि वह सिर्फ तीन महीने के लिए अध्यक्ष बने हैं और चुनाव के बाद वह नेताजी को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद लौटा देंगे.

मुलायम के परिवार में इसे लेकर दो फाड़ है. अपर्णा यादव भी कह चुकी हैं कि मुलायम सिंह को अध्यक्ष पद लौटा दिया जाना चाहिए. उनके परिवार में मुलायम सिंह यादव, उनकी दूसरी पत्नी साधन यादव और छोटे बेटे प्रतीक यादव, बहू अपर्णा यादव और शिवपाल एक तरफ हैं जबकि रामगोपाल यादव परिवार के इस विवाद में शुरू से ही मुलायम और शिवपाल के खिलाफ अखिलेश के साथ खड़े हैं. मुलायम को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद हटवाने में भी रामगोपाल यादव का बड़ा रोल था. 

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