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This Article is From Apr 15, 2022

शिवपाल सिंह यादव के BJP की ओर बढ़े क़दम? अपनी पार्टी की सभी इकाइयां भंग कीं

Shivpal Singh Yadav : योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के कुछ दिनों बाद शिवपाल ने ट्विटर पर पीएम मोदी समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं को फॉलो करना शुरू कर दिया था.

Shivpal Singh Yadav के बीजेपी में जाने की संभावना तेज

लखनऊ:

शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav ) ने बीजेपी में शामिल होने की ओर एक कदम औऱ बढ़ा दिया है. उन्होंने अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ( Pragatisheel Samajwadi Party) की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है. शिवपाल सिंह यादव के यूपी विधानसभा चुनाव  के बाद से ही बीजेपी (BJP) में जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं. वो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिल चुके हैं. शिवपाल यादव ने शुक्रवार की पार्टी की सभी इकाइयां भंग कर दीं. हालांकि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके चाचा के बीच दूरियां घटती नजर आई थीं.  2022 के चुनाव में अखिलेश के साथ उनका समझौता भी हुआ था.

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शिवपाल खुद सपा के चुनाव चिन्ह पर ही मैदान में उतरे और जसवंतनगर सीट से चुनाव जीते. हालांकि विधानसभा चुनाव तक चाचा-भतीजा का साथ रहा. चुनाव नतीजों के बाद जब अखिलेश ने पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई तो शिवपाल को आमंत्रित नहीं किया. इसके बाद उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की. सपा ने उन्हें सहयोगी दलों के सदस्यों की बैठक में बुलाया, जिसमें वो नहीं गए.

योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के कुछ दिनों बाद शिवपाल ने ट्विटर पर पीएम मोदी समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं को फॉलो करना शुरू कर दिया था. इसके बाद बीजेपी से उनकी नजदीकियों की खबरों को औऱ मजबूती मिली. शिवपाल ने गुरुवार को समान आचार संहिता का समर्थन किया था. अब शिवपाल यादव के बीजेपी में जाने की अटकलें फिर तेज हो गई हैं. 

इसके पहले वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अखिलेश और शिवपाल में गहरे मतभेद उभरे थे. तब अखिलेश मुख्यमंत्री औऱ सपा प्रमुख के दोनों पदों से कोई भी पद छोड़ने को तैयार नहीं थी. पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी दोनों के बीच मनमुटाव दूर करने के लिए जतन किए, लेकिन अंततः शिवपाल ने मंत्रिपद के साथ सपा छोड़ने का ऐलान कर दिया. उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नाम से नए दल का गठन किया. इसका खामियाजा भी सपा को पिछले विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों पर भुगतना पड़ा और उसने सत्ता गंवा दी. 

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