महाराष्ट्र में BJP को शिवसेना की दो टूक, कहा - राजनीति में कोई संत नहीं होता, हमें मजबूर मत करो कि...

शिवेसना सांसद संजय राउत ने NDTV से बातचीत में कहा कि हमारा प्रयास राज्य में एक स्थाई सरकार देने का है. अगर बीजेपी हमारे फॉर्मूले पर विचार नहीं करती तो हम कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाने पर विचार कर सकते हैं.

महाराष्ट्र में BJP को शिवसेना की दो टूक, कहा - राजनीति में कोई संत नहीं होता, हमें मजबूर मत करो कि...

शिवसेना ने बीजेपी को दी चेतावनी

खास बातें

  • शिवसेना ने कहा हमें मजूबर न करें आप
  • एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन पर भी रखी अपनी बात
  • 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. शिवसेना बीजेपी को समर्थन देने के लिए अपने 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी हुई है तो बीजेपी शिवेसना के इस प्रस्ताव पर कुछ भी खुलकर बोलने से बच रही है. इन सब के बीच अब शिवेसना ने राज्य में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाने का भी इशारा किया है. शिवेसना सांसद संजय राउत ने NDTV से बातचीत में कहा कि हमारा प्रयास राज्य में एक स्थाई सरकार देने का है. अगर बीजेपी हमारे फॉर्मूले पर विचार नहीं करती तो हम कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाने पर विचार कर सकते हैं. राजनीति में कोई संत या साधु नहीं होता है. हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई की बीजेपी, गठबंधन की महत्ता को समझते हुए उनके फॉर्मूले को स्वीकार कर लेगी. संजय राउत के अलावा शिवेसना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी कहा कि हम बीजेपी की तरफ से जवाब का इंतजार कर लेंगे. लेकिन हमें किसी और विकल्प के बारे में सोचने के लिए मजबूर न किया जाए. हम कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहते जो बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के लिए सही न हो. 

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इससे पहले 'शोले' फिल्म में रहीम चाचा के डायलॉग '....इतना सन्नाटा क्यों है भाई?' का इस्तेमाल करते हुए महाराष्ट्र में भाजपा की गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने देश में आर्थिक सुस्ती को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा, '...इतना सन्नाटा क्यों है भाई???.' 'शोले' फिल्म में यह डायलॉग रहीम चाचा (एके हंगल) का है जब गब्बर सिंह (अमजद खान) बाहर नौकरी के लिए जा रहे उनके बेटे की हत्या कर उसकी लाश एक घोड़े पर रखकर गांव में भेजता है. उस दौरान सभी गांव वाले एकदम चुप हैं और दृष्टिबाधित खान चाचा सबसे सवाल करते हैं '....इतना सन्नाटा क्यों है भाई?'

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बता दें कि महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में भाजपा को 105 सीटों पर जीत मिली है. वहीं सहयोगी शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली है. इस तरह बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को कुल 161 सीटें मिली हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 54 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस के खाते में 43 सीटें गई हैं. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 122, शिवसेना को 63, कांग्रेस को 42 और राकांपा को 41 सीटें मिली थी. उस चुनाव में भाजपा और शिवसेना अलग-अलग चुनाव लडे़ थे. हालांकि, बाद में शिवसेना भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गई थी.

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