शिवसेना अपने मुखपत्र के जरिए केंद्र सरकार पर लगातार वार कर रही है
मुंबई:
शिवसेना केंद्र सरकार पर वार करने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देती. अब जब केंद्र सरकार अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे कर रही है, ऐसे में सरकार के कामकाज पर शिवसेना ने सवालिया निशान लगाया है. नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार के प्रदर्शन में खामियां निकालते हुए शिवसेना ने कहा कि बीते तीन वर्ष भ्रम और अव्यवस्था से भरे रहे और कोई भी समारोह आयोजित करने का मतलब लोगों की पीड़ा, किसान आत्महत्या और सैनिकों की शहादत के प्रति उदासीनता दिखाना होगा.
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया, ‘लोग तकलीफ में हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं और जवान शहीद हो रहे हैं. अगर कोई अब भी (सत्ता में तीन वर्ष पूरे होने पर) समारोह मनाना चाहता है तो इसका मतलब होगा कि वे इन मुद्दों के प्रति उदासीन हैं.’
संपादकीय में कहा गया कि देशभर में समारोह आयोजित करने पर सरकारी कोष से करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे. इसमें यह आकलन करने की मांग की गई कि वर्तमान सरकार ने काम पर कितना पैसा खर्च किया और विज्ञापनों पर कितना खर्च किया.
इसमें पूछा गया, ‘स्वच्छ भारत अभियान पर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए, देश साफ हुआ? गंगा नदी को साफ करने के लिए भारी-भरकम कार्यक्रम शुरू किया गया. गंगा साफ हो रही है या फिर सरकारी खजाना खाली होता जा रहा है?’
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि राजग को जिताकर इसलिए सत्ता में लाया गया था क्योंकि उसने अच्छे दिन लाने का वादा किया था, काला धन वापस लाने का भरोसा दिलाया था और हर एक भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये जमा करवाने का वादा किया था लेकिन अब तक तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. इसके विपरित नोटबंदी के कारण लोग सकते में आ गए और भ्रष्टाचार, काला धन तथा महंगाई जैसे मुद्दों से उनका ध्यान भटक गया.
इसमें कहा गया कि भाजपा ने सत्ता में आने पर पाकिस्तान के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का वादा किया था लेकिन जवान हर रोज शहीद हो रहे हैं, उनके साथ बर्बरता हो रही है जबकि सरकार चेतावनियां जारी किए जा रही है, नक्सली विध्वंस फैला रहे हैं.
(इनपुट भाषा से)
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया, ‘लोग तकलीफ में हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं और जवान शहीद हो रहे हैं. अगर कोई अब भी (सत्ता में तीन वर्ष पूरे होने पर) समारोह मनाना चाहता है तो इसका मतलब होगा कि वे इन मुद्दों के प्रति उदासीन हैं.’
संपादकीय में कहा गया कि देशभर में समारोह आयोजित करने पर सरकारी कोष से करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे. इसमें यह आकलन करने की मांग की गई कि वर्तमान सरकार ने काम पर कितना पैसा खर्च किया और विज्ञापनों पर कितना खर्च किया.
इसमें पूछा गया, ‘स्वच्छ भारत अभियान पर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए, देश साफ हुआ? गंगा नदी को साफ करने के लिए भारी-भरकम कार्यक्रम शुरू किया गया. गंगा साफ हो रही है या फिर सरकारी खजाना खाली होता जा रहा है?’
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि राजग को जिताकर इसलिए सत्ता में लाया गया था क्योंकि उसने अच्छे दिन लाने का वादा किया था, काला धन वापस लाने का भरोसा दिलाया था और हर एक भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये जमा करवाने का वादा किया था लेकिन अब तक तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. इसके विपरित नोटबंदी के कारण लोग सकते में आ गए और भ्रष्टाचार, काला धन तथा महंगाई जैसे मुद्दों से उनका ध्यान भटक गया.
इसमें कहा गया कि भाजपा ने सत्ता में आने पर पाकिस्तान के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का वादा किया था लेकिन जवान हर रोज शहीद हो रहे हैं, उनके साथ बर्बरता हो रही है जबकि सरकार चेतावनियां जारी किए जा रही है, नक्सली विध्वंस फैला रहे हैं.
(इनपुट भाषा से)
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