नागरिकता संशोधन कानून और NRC के समर्थन में शिवसेना सांसद, पार्टी के खिलाफ जाकर लिखा पत्र

शिवसेना सांसद हेमंत पाटिल ने जिला प्रशासन को इस संबंध में एक पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा, 'मैं CAA और NRC के समर्थन में निकाली गई रैली में शामिल नहीं हो सका क्योंकि मैं मीटिंग में बिजी था.'

नागरिकता संशोधन कानून और NRC के समर्थन में शिवसेना सांसद, पार्टी के खिलाफ जाकर लिखा पत्र

हेमंत पाटिल हिंगोली से सांसद हैं.

खास बातें

  • हिंगोली से सांसद हैं हेमंत पाटिल
  • शिवसेना सांसद ने प्रशासन को लिखा पत्र
  • नागरिकता कानून और NRC का किया समर्थन
हिंगोली:

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) का देशभर में खासा विरोध हो रहा है. शिवसेना (Shiv Sena) इस मुद्दे पर अपना पक्ष रख चुकी है. शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) भले ही संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हों, लेकिन उनकी पार्टी के सांसद हेमंत पाटिल (Hemant Patil) CAA और NRC, दोनों को लेकर मोदी सरकार का समर्थन कर रहे हैं.

हेमंत पाटिल हिंगोली से सांसद हैं. उन्होंने जिला प्रशासन को इस संबंध में एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने लिखा, 'मैं CAA और NRC के समर्थन में निकाली गई रैली में शामिल नहीं हो सका क्योंकि मैं मीटिंग में बिजी था. मैं इसके लिए दुख व्यक्त करता हूं. मैंने लोकसभा में इन मुद्दों का समर्थन किया. शिवसेना हमेशा से हिंदुत्ववादी विचारधारा वाली पार्टी रही है. मैं इन दोनों मुद्दों का पुरजोर समर्थन करता हूं, इसलिए मैं इस बारे में पत्र लिख रहा हूं.'

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सूत्रों की मानें तो यह पत्र हेमंत पाटिल के संसदीय क्षेत्र में उनके वोटरों के सामने आया है. लोगों का मानना है कि शिवसेना सांसद ने अपने वोटरों को खुश रखने के लिए यह पत्र लिखा है. बताते चलें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर हुई खींचतान में दो दशकों के साथी शिवसेना और बीजेपी अलग हो गए थे. शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई. शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर मोदी सरकार का समर्थन किया था. राज्यसभा में शिवसेना सांसदों ने वोटिंग से पहले वॉकआउट कर लिया था.

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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मामले में चुप्पी तोड़ते हुए कहा था, 'ये कानून वीडी सावरकर के सपनों के भारत के खिलाफ है. सावरकर का मानना था कि सिंधु नदी से लेकर सिंधु महासागर तक भारत एक राष्ट्र है. जैसा कि सावरकर ने सोचा था, क्या आप (केंद्र सरकार) उस तरह से देश को एकजुट कर रहे हैं. आप दूसरे देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) से हिंदुओं को बुला रहे हैं. इसका मतलब है कि आप सावरकर के विचारों को अनदेखा कर रहे हैं.'

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