यह ख़बर 15 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

अवमानना मामले में कोर्ट में हाजिर हुईं शीला दीक्षित

खास बातें

  • दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की शिकायत पर बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ आरोप तय करने के बारे में अदालत 1 जुलाई को फैसला सुनाएगी।
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी के नेता विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ मानहानि की शिकायत के मामले में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बुधवार को अदालत में हाजिर हुईं।

शीला दीक्षित की शिकायत पर विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ आरोप तय करने के बारे में अदालत 1 जुलाई को फैसला सुनाएगी। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सुबह मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नमृता अग्रवाल की अदालत में पहुंची। अदालत ने गुप्ता के आने के बाद ही इस मामले में सुनवाई शुरू की।

अदालत ने शीला दीक्षित के वकील से कहा कि मुख्यमंत्री अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद जा सकती हैं, लेकिन गुप्ता के वकील ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री को इंतजार करना चाहिए और मजिस्ट्रेट को सूची के अनुक्रम के अनुसार ही मामले को लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

अदालत ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि गुप्ता के खिलाफ आरोप तय करने के बारे में 1 जुलाई को फैसला सुनाया जाएगा। मुख्यमंत्री 30 मिनट से अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान अपने वकील महमूद प्राचा के पास खड़ी रहीं। इससे पहले वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए पिछले साल 30 मई को अदालत में पेश हुई थीं, जिसके बाद ही गुप्ता को इस मामले में एक आरोपी के तौर पर बुलाया गया था।

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शीला ने गुप्ता के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि बीजेपी नेता ने पिछले वर्ष नगर निगम चुनाव से पहले उनके खिलाफ 'अभद्र' भाषा का इस्तेमाल किया था। प्राचा ने कहा कि गुप्ता यह दावा कर रहे हैं कि सार्वजनिक मंच पर उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान नहीं दिया था, जो कि सरासर गलत है। इस बात को रिकॉर्ड में रखी अखबारों की कतरनों से साबित किया जा सकता है।