फाइल फोटो
नई दिल्ली:
राज्यसभा में आज विपक्ष ने सरकार की विदेश नीति पर सवाल खड़े करते हुये पड़ोसियों के लगातार तल्ख होते रिश्तों और भारत के पुराने भरोसेमंद मित्र देशों के दूर जाने पर चिंता व्यक्त की. चर्चा में हिस्सा लेते हुये जदयू के शरद यादव ने कहा कि जब तक देश के अंदर जनता आर्थिक और सामाजिक तौर पर मजबूत नहीं होगी तब तक मजबूत विदेश नीति की कल्पना करना भी बेमानी है. यादव ने कहा कि देश में बढ़ रही बेरोजगारी, भुखमरी और निरक्षरता दुश्मन देशों से ज्यादा खतरनाक है. उन्होंने कहा कि देश के भीतर किसान आत्महत्या कर रहे हैं और अल्पसंख्यक लोग भयभीत हैं. ऐसे में सीमाओं की सुरक्षा पर खतरा बढ़ना लाजिमी है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की विदेश नीति की तारीफ करते हुए शरद ने कहा कि 1971 की लड़ाई में इंदिरा जी की चतुराई भी साथ में. उन्होंने कहा कि रूस भी साथ में था और अमेरिका में भी. लेकिन आज कहां दिखता है.
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चर्चा में कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने कहा कि लगभग सभी वक्ताओं ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तारीफ की है लेकिन विदेश नीति के मोर्चे पर सरकार को नाकाम बताया है. शुक्ला ने विदेश मंत्रालय के बजाय प्रधानमंत्री कार्यालय से विदेश नीति के संचालन पर चिंता जतायी.
Video : नीतीश कुमार से नाराज हैं शरद यादव
इनपुट : भाषा
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इनपुट : भाषा
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