हैदराबाद:
कर्नाटक हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और डीआईजी शंकर बिदारी की याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में सीएटी यानी केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के एक आदेश को चुनौती दी थी। दरअसल सीएटी ने शंकर बिदारी की नियुक्ती पर सवाल उठाए हैं।
बिदारी की डीजीपी और आईजीपी के पद को पहले न्यायाधिकरण में एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एआर इनफैंट ने यह कहकर चुनौती दी थी कि इस पदोन्न्ति में उनकी वरिष्ठता क्रम को नजर अंजाज किया गया है। 16 मार्च को न्यायाधिकरण ने इनफैंट की याचिका में दम पाकर बिदारी की नियुक्ति को अवैध पाया था। अब हाई कोर्ट ने भी इसी सही माना है। और सरकार के नया डीजीपी नियुक्त करने तक इनफैंट को एडहॉक डीजीपी नियुक्त किया था।
हाई कोर्ट ने बिदारी की कार्यशैली में कठोर टिप्पणी करते हुए कहा कि बिदारी एक तानाशाह के समान हैं। कोर्ट ने कहा कि वह सद्दाम हुसैन और मुअम्मर गद्दाफी के समान हैं। कोर्ट ने यह टिप्पणी उनके उस कार्यकाल पर कही जब वह चंदन तस्कर वीरप्पन की खोज में लगे हुए थे। कोर्ट ने कहा, यदि दो महिलाओँ ने उनके बारे में जो भी कहा है वह सही है तो बिदारी, सद्दाम हुसैन और गद्दाफी से बदतर हैं।
गौरतलब है कि बिदारी की नियुक्ति पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने की थी।
बिदारी की डीजीपी और आईजीपी के पद को पहले न्यायाधिकरण में एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एआर इनफैंट ने यह कहकर चुनौती दी थी कि इस पदोन्न्ति में उनकी वरिष्ठता क्रम को नजर अंजाज किया गया है। 16 मार्च को न्यायाधिकरण ने इनफैंट की याचिका में दम पाकर बिदारी की नियुक्ति को अवैध पाया था। अब हाई कोर्ट ने भी इसी सही माना है। और सरकार के नया डीजीपी नियुक्त करने तक इनफैंट को एडहॉक डीजीपी नियुक्त किया था।
हाई कोर्ट ने बिदारी की कार्यशैली में कठोर टिप्पणी करते हुए कहा कि बिदारी एक तानाशाह के समान हैं। कोर्ट ने कहा कि वह सद्दाम हुसैन और मुअम्मर गद्दाफी के समान हैं। कोर्ट ने यह टिप्पणी उनके उस कार्यकाल पर कही जब वह चंदन तस्कर वीरप्पन की खोज में लगे हुए थे। कोर्ट ने कहा, यदि दो महिलाओँ ने उनके बारे में जो भी कहा है वह सही है तो बिदारी, सद्दाम हुसैन और गद्दाफी से बदतर हैं।
गौरतलब है कि बिदारी की नियुक्ति पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने की थी।
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