श्रीनगर:
कश्मीर घाटी में ज्यादातर इलाकों में सड़कें सुनसान हैं, अलगाववादी नेता नज़र बंद हैं लेकिन हड़ताल के कैलेंडर जारी हो रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ये कैलेंडर सीमा पार यानी पाकिस्तान से भेजे जा रहे हैं.
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ सीमा पार से आतंकी प्रॉक्सी र्सवरों से email भेज रहे हैं. जांच में उनकी लोकेशन सीमा पार आई है. ये सिर्फ़ हुर्रियत के नाम पार जारी हो रहे हैं.
दरअसल इस वक्त सैयद अली शाह गिलानी घर में नज़र बंद हैं, मीरवाइज़ उमर फारूक चश्मे शाही में, यासीन मालिक हुमहामा में और शबीर शाह रज़बाग़ में नज़र बंद हैं. सुरक्षा बलों का कहना है कि पीछले दो महीने में काउंटर इंटेलिजेंस ऑपरेशंस बंद हो गए थे. इसकी वजह से आतंकवादियों ने कई इलाक़ों में अपनी पैठ बना ली थी. उसके नतीजे अब सामने आ रहे हैं.
उधर शनिवार को कई इलाक़ों में पथराव और हिंसा की ख़बरें आईं और इस सब के बीच सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल घाटी आ रहा है. इस प्रतिनिधिमंडल में सभी की राय अलग है कि अलगावादी नेताओं से बातचीत होनी चाहिए या नहीं. उधर कुछ अलगाववादी नेताओं ने भी डेलिगेशन से मिलने से इंकार कर दिया है. गिलानी साहब ने तो इस बारे में प्रेस रिलीज़ भी जारी कर दी है.
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ सीमा पार से आतंकी प्रॉक्सी र्सवरों से email भेज रहे हैं. जांच में उनकी लोकेशन सीमा पार आई है. ये सिर्फ़ हुर्रियत के नाम पार जारी हो रहे हैं.
दरअसल इस वक्त सैयद अली शाह गिलानी घर में नज़र बंद हैं, मीरवाइज़ उमर फारूक चश्मे शाही में, यासीन मालिक हुमहामा में और शबीर शाह रज़बाग़ में नज़र बंद हैं. सुरक्षा बलों का कहना है कि पीछले दो महीने में काउंटर इंटेलिजेंस ऑपरेशंस बंद हो गए थे. इसकी वजह से आतंकवादियों ने कई इलाक़ों में अपनी पैठ बना ली थी. उसके नतीजे अब सामने आ रहे हैं.
उधर शनिवार को कई इलाक़ों में पथराव और हिंसा की ख़बरें आईं और इस सब के बीच सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल घाटी आ रहा है. इस प्रतिनिधिमंडल में सभी की राय अलग है कि अलगावादी नेताओं से बातचीत होनी चाहिए या नहीं. उधर कुछ अलगाववादी नेताओं ने भी डेलिगेशन से मिलने से इंकार कर दिया है. गिलानी साहब ने तो इस बारे में प्रेस रिलीज़ भी जारी कर दी है.
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