सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली:
केंद्र ने अपने सभी विभागों से कहा है कि सांसदों की ओर से होने वाले सभी तरह के संवादों की प्रतिक्रिया तत्काल दी जानी चाहिए. कुछ सरकारी विभागों द्वारा सांसदों के पत्रों के जवाब देने में विलंब की कुछ घटनाओं को देखते हुए कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने सभी सरकारी विभागों को यह निर्देश दिया है.
अमूमन हर संसद सत्र में मंत्रालय को ऐसे सवालों का सामना करना पड़ता है, जिनमें कहा जाता है कि सांसदों के पत्रों के जवाब देने में विलंब किया जाता है और कार्यालयीन प्रक्रियाओं से संबंधित केंद्रीय सचिवालय की दिशा-निर्देशिका में दिए गए निर्देशों (सीएसएमओपी) का पालन नहीं किया जाता.
सीएसएमओपी के मुताबिक किसी भी सांसद या अति विशिष्ट व्यक्तियों की ओर से होने वाले किसी भी संवाद की 15 दिनों के भीतर अभिस्वीकृति दी जानी चाहिए और उसके बाद अगले 15 में उसका जवाब भेजा जाना चाहिए. अधिकारियों को यह निर्देश आगामी शीतकालीन सत्र के मद्देनजर दिए गए हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अमूमन हर संसद सत्र में मंत्रालय को ऐसे सवालों का सामना करना पड़ता है, जिनमें कहा जाता है कि सांसदों के पत्रों के जवाब देने में विलंब किया जाता है और कार्यालयीन प्रक्रियाओं से संबंधित केंद्रीय सचिवालय की दिशा-निर्देशिका में दिए गए निर्देशों (सीएसएमओपी) का पालन नहीं किया जाता.
सीएसएमओपी के मुताबिक किसी भी सांसद या अति विशिष्ट व्यक्तियों की ओर से होने वाले किसी भी संवाद की 15 दिनों के भीतर अभिस्वीकृति दी जानी चाहिए और उसके बाद अगले 15 में उसका जवाब भेजा जाना चाहिए. अधिकारियों को यह निर्देश आगामी शीतकालीन सत्र के मद्देनजर दिए गए हैं.
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