गुड़गांव के भोंडसी स्थित रयान इंटरनेशनल स्कूल का मामला
गुड़गांव के रयान इंटरनेशनल स्कूल में सात वर्षीय छात्र की हत्या की घटना से पूरा देश स्तब्ध है. इस घटना के बाद से स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों के माता-पिता में एक खासा डर घर कर गया है. कई जगहों से खबरें आई कि बच्चे डर के मारे स्कूल नहीं जा रहे हैं. प्रद्युमन की मौत से बच्चे सहमे हुए हैं.
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स्कूल में बच्चे की मौत की घटना पर अभिभावक क्या सोचते हैं, इसपर एनडीटीवी ने जानी उनकी राय .
ज्यादातर अभिभावकों ने एक सुर में स्कूल प्रशासन की लापरवाही की बात कही. साथ ही ये कहा कि सरकार और प्रशासन को इन स्कूलों के प्रति सख्त रवैया अपनाना चाहिए. अभिभावकों ने कहा कि निजी स्कूल मोटी फीस वसूलते हैं, लेकिन सुविधा और सुरक्षा के नाम पर उनके पास कुछ भी नहीं होता है.
गुस्सा जाहिर करते हुए अभिभावकों ने कहा, इन स्कूलों की हिम्मत तो देखिए स्कूल में बच्चे की गला रेतकर हत्या हो जाती है और वे इससे अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं. इन लोगों ने स्कूलों को केवल पैसा कमाने का जरिया बना लिया है.'
VIDEO : रयान स्कूल में हत्या के बाद क्या कहना है डरे हुए माता-पिता का...
गौरतलब है कि बच्चा शुक्रवार को स्कूल के शौचालय में मृत मिला था. उसका गला रेता गया था. बच्चों के अभिभावकों के रोष के बाद सीबीएसई ने जांच समिति बनाने का कदम उठाया था. गुड़गांव के पुलिस आयुक्त संदीप खीरवार ने दावा किया कि इस जघन्य अपराध में, गिरफ्तार किए गए स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार की संलिप्तता सामने आई है.
उन्होंने बताया कि अशोक कुमार यौन उत्पीड़न करने के इरादे से शौचालय के अंदर किसी छात्र के आने का इंतजार कर रहा था. पीड़ित बच्चा शौचालय में गया. उसने कुमार की हरकत का विरोध किया जिसके बाद कुमार ने उसकी हत्या कर दी. बच्चे का गला कटा हुआ था.
खीरवार ने बताया "कुमार ने कहा कि वह डर गया था और यह सोच कर उसने बच्चे को मार डाला कि कहीं वह स्कूल के प्रबंधन को अपराध के बारे में न बता दे. वह चाकू को शौचालय में ही छोड़ गया. वहां से जाने से पहले उसने हाथ भी धोए. यह सुनियोजित तरीके से किया गया अपराध था.
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स्कूल में बच्चे की मौत की घटना पर अभिभावक क्या सोचते हैं, इसपर एनडीटीवी ने जानी उनकी राय .
ज्यादातर अभिभावकों ने एक सुर में स्कूल प्रशासन की लापरवाही की बात कही. साथ ही ये कहा कि सरकार और प्रशासन को इन स्कूलों के प्रति सख्त रवैया अपनाना चाहिए. अभिभावकों ने कहा कि निजी स्कूल मोटी फीस वसूलते हैं, लेकिन सुविधा और सुरक्षा के नाम पर उनके पास कुछ भी नहीं होता है.
गुस्सा जाहिर करते हुए अभिभावकों ने कहा, इन स्कूलों की हिम्मत तो देखिए स्कूल में बच्चे की गला रेतकर हत्या हो जाती है और वे इससे अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं. इन लोगों ने स्कूलों को केवल पैसा कमाने का जरिया बना लिया है.'
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गौरतलब है कि बच्चा शुक्रवार को स्कूल के शौचालय में मृत मिला था. उसका गला रेता गया था. बच्चों के अभिभावकों के रोष के बाद सीबीएसई ने जांच समिति बनाने का कदम उठाया था. गुड़गांव के पुलिस आयुक्त संदीप खीरवार ने दावा किया कि इस जघन्य अपराध में, गिरफ्तार किए गए स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार की संलिप्तता सामने आई है.
उन्होंने बताया कि अशोक कुमार यौन उत्पीड़न करने के इरादे से शौचालय के अंदर किसी छात्र के आने का इंतजार कर रहा था. पीड़ित बच्चा शौचालय में गया. उसने कुमार की हरकत का विरोध किया जिसके बाद कुमार ने उसकी हत्या कर दी. बच्चे का गला कटा हुआ था.
खीरवार ने बताया "कुमार ने कहा कि वह डर गया था और यह सोच कर उसने बच्चे को मार डाला कि कहीं वह स्कूल के प्रबंधन को अपराध के बारे में न बता दे. वह चाकू को शौचालय में ही छोड़ गया. वहां से जाने से पहले उसने हाथ भी धोए. यह सुनियोजित तरीके से किया गया अपराध था.
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