गैरकानूनी तरीके से भारतीय समुद्रक्षेत्र में प्रवेश करने के लिए हिरासत में लिए गए अमेरिकी जहाज से बिना अनुमति रखी गईं ढेरों बंदूकें और कारतूस बरामद होने के बाद भारतीय जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं यह जहाज हथियारों की तस्करी में शामिल तो नहीं है।
शनिवार सुबह तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से लगभग 600 किलोमीटर दक्षिण में तूतीकोरिन तट पर रोके गए इस जहाज 'एमवी सीमैन गार्ड ओहायो' से 31 असॉल्ट राइफलें और लगभग 5,000 कारतूस बरामद हुए हैं। गैरकानूनी तरीके से भारतीय समुद्रक्षेत्र में प्रवेश कर पाने की वजह से इस घटना को सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना जा रहा है, इसलिए जहाज पर मौजूद सभी 35 लोगों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, जिनमें भारतीय थलसेना एवं नौसेना के चार पूर्वकर्मी भी शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि 44-मीटर लंबा 'एमवी सीमैन गार्ड ओहायो' जहाज अमेरिका में पंजीकृत है। दावा किया गया है कि जहाज का इस्तेमाल अदन की खाड़ी में वाणिज्यिक पोतों को सुरक्षा मुहैया कराने के मकसद से किया जाता है। सुरक्षा एजेंसी ने जहाज से 31 असॉल्ट राइफलें और 5,000 कारतूस बरामद किए हैं, जिनकी कोई सूची जहाज पर मौजूद नहीं थी।
तटरक्षक बलों ने जहाज को तूतीकोरिन से 47 मील दूर तब पकड़ा, जब तमिलनाडु की खुफिया एजेंसियों ने संदेह जताया कि यह अपने पास चल रही कुछ छोटी नौकाओं में हथियार गिरा सकता है। सूत्रों ने बताया कि पिछले दो माह में यह दूसरी बार हुआ है कि तटरक्षक बलों ने किसी जहाज को पकड़ा है। पिछली बार एक जहाज कोच्चि के तट के पास पकड़ा गया था, लेकिन वहां कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया था और जहाज को छोड़ दिया गया था। जहाज पर मौजूद लोग ब्रिटिश, एस्टोनियाई और भारतीय मूल के हैं।
गुप्तचर ब्यूरो के पूर्व प्रमुख संधू ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में लूटपाट बढ़ी है और असैनिक समुद्री अभियानों की जलदस्युओं से हिफाजत के लिए निजी समुद्री सुरक्षा कंपनियों की सेवाएं ली जा रही हैं। उन्होंने कहा, पहले मलक्का के जलडमरू मध्य में लूटपाट होती थी और अब खाड़ी में होती है। इस तरह की सुरक्षा देने वाले लोगों को एक मदर शिप की जरूरत होती है। मेरा संदेह है कि तूतीकोरिन में जो जहाज पकड़ा गया है, वह निजी सुरक्षा एजेसियों की मदर शिप ही है।
मरीन पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका स्थित एक फर्म का यह जहाज सामुद्रिक सुरक्षा प्रदान करता था, लेकिन यह भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश के लिए अधिकृत नहीं था। इसका क्षेत्र हिन्द महासागर में अदन की खाड़ी जैसे क्षेत्रों तक सीमित था, जो जलदस्युओं का गढ़ है। पुलिस ने इस जहाज के भारतीय जल क्षेत्र में प्रवेश के मकसद का पता लगाने के लिए जांच तेज कर दी है।
जहाज पर क्रू के 10 सदस्य सवार हैं, जिनमें उक्रेन के दो और भारत के आठ क्रू सदस्य शामिल हैं। जहाज पर 25 सुरक्षा दल तैनात हैं, जिनमें ब्रिटेन के छह, एस्टोनिया के 14, यूक्रेन का एक और भारत के चार सदस्य शामिल हैं।
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