उत्तर कश्मीर के रफियाबाद में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी सज्जाद की तस्वीर
नई दिल्ली:
जम्मू कश्मीर में गुरुवार को जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी सज्जाद अहमद ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं। सुरक्षा बलों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने उसे उत्तरी कश्मीर में संगठन का बेस बनाने का जिम्मा सौंपा था, जहां से आतंकी गतिविधियों को अंजाम और उन पर नजर रखी जा सके।
सुरक्षाबलों ने 20 घंटों तक चली मुठभेड़ के बाद 22 साल के सज्जाद को ज़िंदा पकड़ा था, जबकि मुठभेड़ में उसके चार साथी मारे गए थे। ये आतंकी उत्तरी कश्मीर में बारामूला के रफियाबाद इलाक़े में एक गुफा में छुपे थे। सेना के कमांडो ने उन्हें बाहर निकालने के लिए गुफा में मिर्ची बम और आंसू गैस के गोले दागे, जिसके बाद आतंकवादी घबरा गया और तुरंत बाहर निकल आया।
सज्जाद की गिरफ्तारी के बाद के पूछताछ के लिए उसे श्रीनगर ले जाया गया, जहां गुरुवार से ही उससे पूछताछ जारी है। सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में उसने बताया कि उसका परिवार पाकिस्तान में मुल्तान प्रांत के मुजफ्फरगढ़ में रहता है। उसने बताया कि पाकिस्तान में लश्कर द्वारा ट्रेनिंग दिए जाने से पहले वह दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करता था। सुरक्षा बलों की पूछताछ में उसने बताया कि उसे जावेद और अबु उबेदुल्लाह के कोड नाम से भी जाना जाता है।
बता दें कि अगस्त के शुरुआती दिनों में उधमपुर हमले में पकड़ गए मोहम्मद नवेद के बाद ये ऐसी दूसरी गिरफ्तारी है। बताया गया है कि जांच के दौरान नवेद ने कई अहम खुलासे किए हैं जैसे कि उसे पाक अधिकृत कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा ने ट्रेनिंग दी है।
नवेद पकड़े जाने के दो महीने पहले से ही भारत में छुपा बैठा था। उससे मिली सूचना के आधार पर जम्मू कश्मीर पुलिस ने अब तक कई आतंकी समूहों का भंडा फोड़ किया है।
सुरक्षाबलों ने 20 घंटों तक चली मुठभेड़ के बाद 22 साल के सज्जाद को ज़िंदा पकड़ा था, जबकि मुठभेड़ में उसके चार साथी मारे गए थे। ये आतंकी उत्तरी कश्मीर में बारामूला के रफियाबाद इलाक़े में एक गुफा में छुपे थे। सेना के कमांडो ने उन्हें बाहर निकालने के लिए गुफा में मिर्ची बम और आंसू गैस के गोले दागे, जिसके बाद आतंकवादी घबरा गया और तुरंत बाहर निकल आया।
सज्जाद की गिरफ्तारी के बाद के पूछताछ के लिए उसे श्रीनगर ले जाया गया, जहां गुरुवार से ही उससे पूछताछ जारी है। सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में उसने बताया कि उसका परिवार पाकिस्तान में मुल्तान प्रांत के मुजफ्फरगढ़ में रहता है। उसने बताया कि पाकिस्तान में लश्कर द्वारा ट्रेनिंग दिए जाने से पहले वह दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करता था। सुरक्षा बलों की पूछताछ में उसने बताया कि उसे जावेद और अबु उबेदुल्लाह के कोड नाम से भी जाना जाता है।
बता दें कि अगस्त के शुरुआती दिनों में उधमपुर हमले में पकड़ गए मोहम्मद नवेद के बाद ये ऐसी दूसरी गिरफ्तारी है। बताया गया है कि जांच के दौरान नवेद ने कई अहम खुलासे किए हैं जैसे कि उसे पाक अधिकृत कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा ने ट्रेनिंग दी है।
नवेद पकड़े जाने के दो महीने पहले से ही भारत में छुपा बैठा था। उससे मिली सूचना के आधार पर जम्मू कश्मीर पुलिस ने अब तक कई आतंकी समूहों का भंडा फोड़ किया है।
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