प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
मुंबई-अहमदाबाद के बाद दूसरी बुलेट ट्रेन दिल्ली-वाराणसी के बीच चल सकती है। यदि ऐसा हुआ तो दोनों शहरों के बीच 782 किमी की दूरी सिर्फ 2 घंटे 40 मिनट में तय हो जाएगी।
आज की तारीख में शताब्दी से लेकर अन्य सुपरफास्ट ट्रेनें यह सफर तय करने में 10 से 14 घंटे का वक्त लेती हैं। बताया जा रहा है कि यह बुलेट ट्रेन लखनऊ होते हुए वाराणसी जाएगी। सूत्रों के अनुसार इस कॉरिडोर के लिए स्पेनिश फर्म से बातचीत चल रही है। वह एक डिटेल रिपोर्ट नवंबर तक सौंप देगी। ट्रेन कब तक चलेगी, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है।
दिल्ली-कोलकाता के बीच बुलेट ट्रेन दौड़ेगी
रेलवे के पीआरओ अनिल सक्सेना ने एनडीटीवी को बताया कि पिछले रेल बजट में डायमंड क्वाडिलेट्र्ल कॉरिडोर पर रेल विस्तार की बात कही गई थी। इसमें दिल्ली-मुंबई, मुंबई-चेन्नई और दिल्ली-कोलकाता के बीच बुलेट ट्रेन दौड़ाने के लिए रेलवे स्टडी कर रहा है। इसके लिए रेलवे ने कनसल्टेंट नियुक्त किए हैं। हाल ही में इन तीनों मार्गों पर बुलेट ट्रेन दौड़ाने के लिए कनसल्टेंट ने अपनी-अपनी अंतरिम रिपोर्ट दी है।
बताया जा रहा है कि तीनों मंडल में बुलेट ट्रेन पर की जा रही स्टडी की अंतिम रिपोर्ट साल के अंत तक आ जाएगी। इसी के साथ रेलवे ने यह भी साफ कर दिया है कि इस स्टडी में दिल्ली बनारस के बीच किसी प्रकार की बुलेट ट्रेन दौड़ाने की कोई योजना रेलवे के पास नहीं है। साथ ही रेलवे ने साफ किया कि दिल्ली कोलकाता के बीच जो बुलेट ट्रेन इस स्टडी की रिपोर्ट के बाद यदि दौड़ाई गई तो वह लखनऊ वाराणसी होकर जाएगी।
बता दें कि रेल मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन 2023 तक ही शुरू हो पाएगी। कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के एजेंडे में यह ट्रेन है। उत्तर प्रदेश में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस वजह से भी नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र को वरीयता देने की बात कही जा रही है। दरअसल, दिल्ली-वाराणसी रूट दिल्ली-कोलकाता कॉरिडोर का हिस्सा होगा। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से वाराणसी के बीच ट्रेन अलीगढ़, आगरा, कानपुर, लखनऊ और सुल्तानपुर से गुजरेगी।
मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलाई जाएगी पहली बुलेट ट्रेन
वातानुकूलित प्रथम श्रेणी के वर्तमान किराए का डेढ़ गुना प्रस्तावित किया है। यह जानकारी संसद को दी गई है। अभी मुंबई और अहमदाबाद के बीच दुरंतो एक्सप्रेस में प्रथम श्रेणी एसी का किराया 2,200 रुपये है। इसका मतलब यह हुआ कि बुलेट ट्रेन का किराया 3,300 रुपये होगा। दोनों शहरों के बीच की दूरी 508 किलोमीटर है।
जापान में टोक्यो और ओसाका के बीच करीब इतनी ही दूरी (550 किलोमीटर) तय करने के लिए वहां के बुलेट ट्रेन 'सिंकनसेन' का किराया करीब 8,500 रुपये है।
अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में कहा था कि बुलेट ट्रेन के प्रथम चरण में अधिकतम डिजाइन गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और संचालन गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। बुलेट ट्रेन से दोनों शहरों के बीच दूरी तय करने में दो घंटे 7 मिनट लगेंगे। वहीं बीच के पड़ावों पर रुकने के समय को जोड़ते हुए यह 2 घंटे 58 मिनट होंगे। मंत्री के मुताबिक, मार्ग में कुल 12 स्टेशनों का प्रस्ताव है। परियोजना पर कुल 97,636 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
नई प्रौद्योगिकी आएगी और रेल सुरक्षा बढ़ेगी : रेलमंत्री सुरेश प्रभु
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने लोकसभा में बुलेट ट्रेन योजना का बचाव करते हुए कहा था कि इससे देश में नई प्रौद्योगिकी आएगी और रेल सुरक्षा बढ़ेगी। प्रभु ने कहा कि जापान दुनिया में सबसे सुरक्षित रेलगाड़ियों का संचालन करता है और उसके साथ सहयोग करने से भारत को प्रौद्योगिकी की जानकारी मिलेगी।
प्रभु ने कहा, "बुलेट ट्रेन में काम आने वाले प्रौद्योगिकी से सामान्य रेलगाड़ियों की सेवाएं सुधारने और सिग्नलिंग प्रणाली के एकीकरण में मदद मिलेगी।" प्रभु ने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलाई जाने वाली बुलेट ट्रेन के लिए इंगित भारी-भरकम कोष वस्तुत: जापान की वित्तीय सहायता के आधार पर तय किया गया है और इससे देश में सामान्य रेलगाड़ियों के परिचालन में समस्या नहीं आएगी।
देश में बुलेट ट्रेन शुरू करने के विरोध में दुष्प्रचार किया जा रहा है
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित बुलेट ट्रेन और सामान्य रेलगाड़ियों के बीच कोई टकराव नहीं है। उन्होंने कहा, "अहमदाबाद और मुंबई के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन रेलवे में भारत-जापान सहयोग का बस एक छोटा-सा हिस्सा है।" उन्होंने हैरानी जताई कि देश में बुलेट ट्रेन शुरू करने के विरोध में दुष्प्रचार किया जा रहा है। प्रभु ने कहा कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद से रेल क्षेत्र में जापान के साथ सहयोग बढ़ा है।
सरकार ने जापान से 0.1 फीसदी ब्याज दर पर एक लाख करोड़ रुपये का ऋण लिया
प्रभु ने बुलेट ट्रेन की आलोचना को दरकिनार करते हुए कहा कि सरकार ने जापान से 0.1 फीसदी ब्याज दर पर एक लाख करोड़ रुपये का ऋण हासिल कर लिया है।
प्रतिदिन ट्रेन के 100 फेरों का परिचालन किया जाए : आईआईएम
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद की एक रिपोर्ट के अनुसार मुंबई और अहमदाबाद के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन में रोजाना अगर 88,000-118,000 मुसाफिर सफर करें या प्रतिदिन ट्रेन के 100 फेरों का परिचालन किया जाए, तभी यह परियोजना आर्थिक दृष्टिकोण से व्यावहारिक होगी।
'डेडिकेटेड हाई स्पीड रेलवे (एचएसआर) नेटवर्क इन इंडिया (इशूज इन डेवलपमेंट) शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा कि रेलवे को कर्ज और ब्याज समय पर चुकाने के लिए परिचालन शुरू होने के 15 वर्ष बाद तक 300 किलोमीटर की यात्रा के लिए टिकट का मूल्य 1500 रुपया निर्धारित करना होगा और प्रतिदिन 88,000-1,18,000 यात्रियों को ढोना होगा।
जापान से रियायती कर्ज
जापान ने परियोजना लागत के लगभग 80 प्रतिशत हिस्से के रूप में 97,636 करोड़ रुपये के रियायती ऋण की पेशकश की है। जापान के प्रस्ताव के अनुसार ऋण को 50 वर्ष के भीतर चुकाना होगा और परिचालन शुरू होने के 16वें वर्ष से 0.1 प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा। रिपोर्ट के लेखकों के अनुसार शेष 20 प्रतिशत ऋण के लिए आठ प्रतिशत की औसत ब्याज दर होगी। उनके अनुसार जापान ने 15 वर्ष का ऋण अवकाश दिया है, इसलिए रेलवे के लिए राजस्व की चिंता 16वें वर्ष से शुरू होगी। यह ट्रेन कुल 534 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
आज की तारीख में शताब्दी से लेकर अन्य सुपरफास्ट ट्रेनें यह सफर तय करने में 10 से 14 घंटे का वक्त लेती हैं। बताया जा रहा है कि यह बुलेट ट्रेन लखनऊ होते हुए वाराणसी जाएगी। सूत्रों के अनुसार इस कॉरिडोर के लिए स्पेनिश फर्म से बातचीत चल रही है। वह एक डिटेल रिपोर्ट नवंबर तक सौंप देगी। ट्रेन कब तक चलेगी, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है।
दिल्ली-कोलकाता के बीच बुलेट ट्रेन दौड़ेगी
रेलवे के पीआरओ अनिल सक्सेना ने एनडीटीवी को बताया कि पिछले रेल बजट में डायमंड क्वाडिलेट्र्ल कॉरिडोर पर रेल विस्तार की बात कही गई थी। इसमें दिल्ली-मुंबई, मुंबई-चेन्नई और दिल्ली-कोलकाता के बीच बुलेट ट्रेन दौड़ाने के लिए रेलवे स्टडी कर रहा है। इसके लिए रेलवे ने कनसल्टेंट नियुक्त किए हैं। हाल ही में इन तीनों मार्गों पर बुलेट ट्रेन दौड़ाने के लिए कनसल्टेंट ने अपनी-अपनी अंतरिम रिपोर्ट दी है।
बताया जा रहा है कि तीनों मंडल में बुलेट ट्रेन पर की जा रही स्टडी की अंतिम रिपोर्ट साल के अंत तक आ जाएगी। इसी के साथ रेलवे ने यह भी साफ कर दिया है कि इस स्टडी में दिल्ली बनारस के बीच किसी प्रकार की बुलेट ट्रेन दौड़ाने की कोई योजना रेलवे के पास नहीं है। साथ ही रेलवे ने साफ किया कि दिल्ली कोलकाता के बीच जो बुलेट ट्रेन इस स्टडी की रिपोर्ट के बाद यदि दौड़ाई गई तो वह लखनऊ वाराणसी होकर जाएगी।
बता दें कि रेल मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन 2023 तक ही शुरू हो पाएगी। कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के एजेंडे में यह ट्रेन है। उत्तर प्रदेश में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस वजह से भी नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र को वरीयता देने की बात कही जा रही है। दरअसल, दिल्ली-वाराणसी रूट दिल्ली-कोलकाता कॉरिडोर का हिस्सा होगा। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से वाराणसी के बीच ट्रेन अलीगढ़, आगरा, कानपुर, लखनऊ और सुल्तानपुर से गुजरेगी।
मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलाई जाएगी पहली बुलेट ट्रेन
वातानुकूलित प्रथम श्रेणी के वर्तमान किराए का डेढ़ गुना प्रस्तावित किया है। यह जानकारी संसद को दी गई है। अभी मुंबई और अहमदाबाद के बीच दुरंतो एक्सप्रेस में प्रथम श्रेणी एसी का किराया 2,200 रुपये है। इसका मतलब यह हुआ कि बुलेट ट्रेन का किराया 3,300 रुपये होगा। दोनों शहरों के बीच की दूरी 508 किलोमीटर है।
जापान में टोक्यो और ओसाका के बीच करीब इतनी ही दूरी (550 किलोमीटर) तय करने के लिए वहां के बुलेट ट्रेन 'सिंकनसेन' का किराया करीब 8,500 रुपये है।
अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में कहा था कि बुलेट ट्रेन के प्रथम चरण में अधिकतम डिजाइन गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और संचालन गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। बुलेट ट्रेन से दोनों शहरों के बीच दूरी तय करने में दो घंटे 7 मिनट लगेंगे। वहीं बीच के पड़ावों पर रुकने के समय को जोड़ते हुए यह 2 घंटे 58 मिनट होंगे। मंत्री के मुताबिक, मार्ग में कुल 12 स्टेशनों का प्रस्ताव है। परियोजना पर कुल 97,636 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
नई प्रौद्योगिकी आएगी और रेल सुरक्षा बढ़ेगी : रेलमंत्री सुरेश प्रभु
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने लोकसभा में बुलेट ट्रेन योजना का बचाव करते हुए कहा था कि इससे देश में नई प्रौद्योगिकी आएगी और रेल सुरक्षा बढ़ेगी। प्रभु ने कहा कि जापान दुनिया में सबसे सुरक्षित रेलगाड़ियों का संचालन करता है और उसके साथ सहयोग करने से भारत को प्रौद्योगिकी की जानकारी मिलेगी।
प्रभु ने कहा, "बुलेट ट्रेन में काम आने वाले प्रौद्योगिकी से सामान्य रेलगाड़ियों की सेवाएं सुधारने और सिग्नलिंग प्रणाली के एकीकरण में मदद मिलेगी।" प्रभु ने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलाई जाने वाली बुलेट ट्रेन के लिए इंगित भारी-भरकम कोष वस्तुत: जापान की वित्तीय सहायता के आधार पर तय किया गया है और इससे देश में सामान्य रेलगाड़ियों के परिचालन में समस्या नहीं आएगी।
देश में बुलेट ट्रेन शुरू करने के विरोध में दुष्प्रचार किया जा रहा है
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित बुलेट ट्रेन और सामान्य रेलगाड़ियों के बीच कोई टकराव नहीं है। उन्होंने कहा, "अहमदाबाद और मुंबई के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन रेलवे में भारत-जापान सहयोग का बस एक छोटा-सा हिस्सा है।" उन्होंने हैरानी जताई कि देश में बुलेट ट्रेन शुरू करने के विरोध में दुष्प्रचार किया जा रहा है। प्रभु ने कहा कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद से रेल क्षेत्र में जापान के साथ सहयोग बढ़ा है।
सरकार ने जापान से 0.1 फीसदी ब्याज दर पर एक लाख करोड़ रुपये का ऋण लिया
प्रभु ने बुलेट ट्रेन की आलोचना को दरकिनार करते हुए कहा कि सरकार ने जापान से 0.1 फीसदी ब्याज दर पर एक लाख करोड़ रुपये का ऋण हासिल कर लिया है।
प्रतिदिन ट्रेन के 100 फेरों का परिचालन किया जाए : आईआईएम
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद की एक रिपोर्ट के अनुसार मुंबई और अहमदाबाद के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन में रोजाना अगर 88,000-118,000 मुसाफिर सफर करें या प्रतिदिन ट्रेन के 100 फेरों का परिचालन किया जाए, तभी यह परियोजना आर्थिक दृष्टिकोण से व्यावहारिक होगी।
'डेडिकेटेड हाई स्पीड रेलवे (एचएसआर) नेटवर्क इन इंडिया (इशूज इन डेवलपमेंट) शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा कि रेलवे को कर्ज और ब्याज समय पर चुकाने के लिए परिचालन शुरू होने के 15 वर्ष बाद तक 300 किलोमीटर की यात्रा के लिए टिकट का मूल्य 1500 रुपया निर्धारित करना होगा और प्रतिदिन 88,000-1,18,000 यात्रियों को ढोना होगा।
जापान से रियायती कर्ज
जापान ने परियोजना लागत के लगभग 80 प्रतिशत हिस्से के रूप में 97,636 करोड़ रुपये के रियायती ऋण की पेशकश की है। जापान के प्रस्ताव के अनुसार ऋण को 50 वर्ष के भीतर चुकाना होगा और परिचालन शुरू होने के 16वें वर्ष से 0.1 प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा। रिपोर्ट के लेखकों के अनुसार शेष 20 प्रतिशत ऋण के लिए आठ प्रतिशत की औसत ब्याज दर होगी। उनके अनुसार जापान ने 15 वर्ष का ऋण अवकाश दिया है, इसलिए रेलवे के लिए राजस्व की चिंता 16वें वर्ष से शुरू होगी। यह ट्रेन कुल 534 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
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