नेवी के एयरक्राफ्ट कैरियर पर फाइटर जेट तेजस-एन के लैंडिग को लेकर हुए ट्रायल के सफल रहने के बाद अब एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने दूसरे मेड-इन इंडिया फाइटर जेट को विकसित करने को लेकर मंजूरी दे दी है. यह डबल इंजन वाला फाइटर जेट होगा. NDTV को पता चला है कि 22 मई को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की नेवी और एयरफोर्स के चीफ के साथ हुई मुलाकात में ADA ने तेजस के एयरफोर्स के स्क्वॉड्रन सर्विस में शामिल हो जाने के बाद अब दूसरा फाइटर जेट बनाने की योजना पर चर्चा की, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय के इंटीग्रेटेड हेडक्वॉर्टर (एकीकृत मुख्यालय) की ओर से इस नए फाइटर के लिए Operational Requirements (ORs) जारी कर दिए गए हैं.
यह नया फाइटर जेट अगले छह सालों में उड़ान भरने के लिए तैयार हो जाएगा, जिसके बाद के सालों में इसे INS विक्रमादित्य और जल्द ही नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाने वाले INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा. यह फाइटर जेट पूरी तरह भारत में निर्मित तेजस-एन प्रोटोटाइप का ट्विन इंजन इवॉल्यूशन होगा.
नया फाइटर जेट विकसित करने की यह योजना ऐसे समय में सामने आई है, जब केंद्र सरकार ने अपनी 'आत्मनिर्भर योजना' के तहत डिफेंस सेक्टर में बहुत से संरचनात्मक सुधारों की घोषणा की है. सरकार ने अपने डिफेंस इंपोर्ट में बड़ी कमी लाने का लक्ष्य रखा है.
नए फाइटर जेट की डिजाइनिंग और डेवलपमेंट में लगी टीम का कहना है कि यह तेजस-एन का एडवांस वेरिएंट है. इसके परफॉर्मेंस का लक्ष्य यूएस नेवी के सर्विस में शामिल Boeing के F/A-18 E/F 'Super Hornet' और फ्रेंच नेवी एयरक्राफ्ट कैरियर चार्ल्स डी गॉल पर तैनात मरीन रफाल के तुलना में रखने का है. टीम ने बताया कि इस नए जेट में इंडियन एयरफोर्स के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए विकसित की जा सकने वाली तकनीकें शामिल की जा सकती हैं लेकिन यह स्टेल्थ फाइटर के कैटेगरी में नहीं आएगा. नए फाइटर जेट के लिए कम से कम तीन डिजाइनों पर अभी रिसर्च चल रही है.
फाइटर जेट पूरी तरह भारत में निर्मित तेजस-एन प्रोटोटाइप का ट्विन इंजन इवॉल्यूशन होगा.
सेना में शामिल हो जाने के बाद यह नया फाइटर जेट नौसेना के MiG-29K फाइटर जेट्स की जगह ले लेगा. फिलहाल INS विक्रमादित्य पर ये फाइटर जेट्स तैनात हैं. यूं तो ये हाई-परफॉर्मेंस जेट रहे हैं लेकिन नेवी इसमें सर्विस को लेकर बहुत सारी मुश्किलें झेल रही है. ऐसे में नए फाइटर जेट को इस पहलू पर ज्यादा भरोसेमंद बनाने की कोशिश चल रही है. प्रोजेक्ट पर करीब से काम कर रहे कुछ लोगों ने NDTV को बताया है कि संभावना है कि इस जेट पर कम से कम छह हवा से हवा में मार सकने वाली मिसाइलें लगेंगी और इस दौरान यह दो घंटों तक हवा में रह सकेगा.
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