भाजपा ने जदयू नेतृत्व की चुटकी लेते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का सब्ज़ बाग दिखाने के कांग्रेस के झांसे में आकर उसने भाजपा से नाता तोड़ लिया और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली पार्टी की यही चाल थी।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस की ओर से बिहार के मुख्यमंत्री को दिया गया आश्वासन राज्य की आर्थिक आवश्यकताओं से जुड़ा ना होकर राजनीति अधिक था। इसीलिए भाजपा से जदयू के एक बार अलग हो जाने पर कांग्रेस वायदा पूरा करने से पीछे हट गई।
जेटली ने एक बयान में कहा, संप्रग की मंशा जदयू को यह सब्ज़बाग दिखाना था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा सचमुच मिलने वाला है। मैं नहीं जानता कि जदयू का चतुर नेतृत्व इस झांसे में कैसे आ गया। विशेष राज्य का दर्जा देने के संकेत उस समय दिए जा रहे थे जब जदयू-भाजपा अलगाव हो रहा था। उन्होंने कहा कि जदूय के भाजपा से अलग हो कर अकेले रह जाने पर विशेष राज्य का दर्जा देने का आश्वासन पूरा नहीं किया गया। भाजपा नेता ने कहा कि लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले राजद और जदयू के बीच ‘स्वयंवर’ में कांग्रेस ने अपनी पुरानी सहयोगी पार्टी को पसंद किया।
जेटली ने कहा कि जदयू-भाजपा सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग बार-बार दोहरायी। उन्होंने कहा इस मुद्दे पर राज्य में सभी दलों के बीच लगभग एक राय थी। उन्होंने पूर्वी भारत के राज्यों की ओर से की जा रही ऐसी मांग का भी समर्थन करते हुए कहा कि प्राकृतिक संरचनाओं के चलते ये राज्य अन्य राज्यों जैसी आर्थिक प्रगति नहीं कर सके।
ओडिशा की बीजद और पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस भी अपने राज्यों को विशेष दर्जा देने की मांग कर रही हैं। केन्द्र की सत्ता में आने में प्रयासरत भाजपा उक्त दोनों दलों को भविष्य के संभावित सहयोगियों में देख रही है।
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