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This Article is From Jul 18, 2016

ठीक होने के बावजूद पागलखानों में रह रहे कई लोग, सुप्रीम कोर्ट ने छह राज्यों से जवाब मांगा

ठीक होने के बावजूद पागलखानों में रह रहे कई लोग, सुप्रीम कोर्ट ने छह राज्यों से जवाब मांगा
प्रतीकात्मक फोटो
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Summary is AI generated, newsroom reviewed.
यूपी, केरल, राजस्थान, मेघालय, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर से जवाब मांगा
करीब 300 लोग स्वस्थ होने के बाद भी पागलखाने में
परिजन न तो मिलने आते हैं न ही ले जाने के लिए
नई दिल्ली: देश के पागलखानों में रह रहे मानसिक रूप से ठीक हो चुके पुरुषों व महिलाओं के पुनर्वास की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर 6 राज्यों से जवाब मांगा है। यूपी, केरल, राजस्थान, मेघालय, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर से चार हफ्ते में जवाब मांगा गया है।

बरेली में 70-80 नागरिक पागलखाने में रहने को मजबूर
इस बारे में एक जनहित याचिका में कहा गया है कि इन राज्यों में करीब 300 लोग ऐसे हैं जो ठीक हो गए हैं लेकिन वे मानसिक रोग अस्पताल में ही हैं। पेश मामले में अधिवक्‍ता गौरव बंसल ने याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उसने बीते दिनों उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में स्‍थित एक पागलखाने का दौरा किया था। उसे जानकारी मिली कि वहां पर 70-80 पुरुष व महिलाएं ऐसे हैं जो ठीक हो गए हैं, मगर उनके परिजन उन्‍हें वापस लेने ही नहीं आए। ऐसे में वे वहां इलाज करा रहे पागल लोगों के साथ ही रह रहे हैं।

पुनर्वास के लिए कदम उठाने की मांग
याचिका में कहा गया है कि कुछ ऐसी ही स्‍थिति देश के कई अन्‍य पागलखानों की भी है। ऐसे में इस मामले को लेकर विशेष दिशा-निर्देश जारी किए जाएं और पागलखानों में ठीक हो चुके लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार को निर्देश जारी किए जाएं ताकि पागलखानों में जिन लोगों के परिजन उन्‍हें मिलने या लेने नहीं आते, उनके लिए कुछ बेहतर किया जा सके। उन्‍हें फिर से समाज से जोड़ने का काम किया जा सके।

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