जेएनयू की पूर्व छात्रा और कश्मीरी नेता शेहला रशीद (Shehla Rashid) ने घाटी में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के हालातों को लेकर ट्वीट किए. शेहला ने ट्विटर के माध्यम से दावा किया कि भारतीय सेना द्वारा घाटी के लोगों पर अत्याचार किए जा रहे हैं. शेहला ने एक के बाद एक करते हुए लगातार 10 ट्वीट किए, जिसके बाद भारतीय सेना रशीद के सभी दावों को खारिज करते हुए इसे फेक न्यूज करार दिया. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार भारतीय सेना सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. भारतीय सेना ने कहा कि कुछ आसामाजिक तत्व और संगठन नफरत भरी खबरों को फैलाकर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.
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Indian Army: Allegations levelled by Shehla Rashid are baseless and rejected. Such unverified & fake news are spread by inimical elements and organisations to incite unsuspecting population. pic.twitter.com/m6CPzSXZmJ
— ANI (@ANI) August 18, 2019
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने शेहला रशीद के खिलाफ एक आपराधिक शिकायत दायर की, जिसमें कथित तौर पर भारतीय सेना और भारत सरकार के खिलाफ फर्जी खबर फैलाने के आरोप में उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई है.
Supreme Court lawyer Alakh Alok Srivastava files a criminal complaint against Shehla Rashid, seeking her arrest for allegedly spreading fake news against Indian Army and Government of India. pic.twitter.com/TW0SeCl3zQ
— ANI (@ANI) August 19, 2019
बता दें कि शेहरा रशीद जेएनयू की छात्रा रही हैं और साल 2015-16 में छात्रसंघ की उपाध्यक्ष भी बनी थी. हाल ही में शेहरा शाह फैसल की पार्टी जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट से जुड़ गई थीं. यह वही शाह फैसल हैं जिन्हें दिल्ली के एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, जो इंस्ताबुल जाने की फिराक में थे. शाह फैसल ने भी घाटी से अनुच्छेद 370 हटाने जाए को असंवैधानिक करार दिया था.
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गौरतलब है केन्द्र सरकार के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद से श्रीनगर के जिन इलाकों में शांति कायम रही वहां से पुलिस ने अवरोधक हटा दिए हैं. घाटी में बाजार बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से गायब रहे. प्रतिबंधों में ढील के बाद से शहर में निजी वाहनों की आवाजाही बढ़ी है.
इनपुट- ANI
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