विज्ञापन
This Article is From May 19, 2014

जेल में ही रहेंगे सहारा प्रमुख, सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई जमानत याचिका

जेल में ही रहेंगे सहारा प्रमुख, सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई जमानत याचिका
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने आज सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय को लखनऊ में घर में नजरबंद करने का अनुरोध ठुकराते हुए समूह से कहा कि अपने मुखिया की जेल से रिहाई के लिए उसे दस हजार करोड़ रुपये के भुगतान के बारे में 'तर्कसंगत' और 'स्वीकार्य' प्रस्ताव पेश करना होगा।

जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर और जस्टिस एके सीकरी की खंडपीठ ने कहा कि इस गतिरोध से किसी को मदद नहीं मिलेगी। कोर्ट ने सहारा समूह से कहा कि वह नया प्रस्ताव लेकर आये। जस्टिस जेएस खेहड़ द्वारा इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग करने के बाद इसके लिए नई खंडपीठ का गठन हुआ है।

इस बीच, सहारा ने कोर्ट में कहा कि लंदन और न्यूयार्क स्थित होटल सहित अपनी संपत्तियां बेचने का इच्छुक है। इस पर न्यायाधीशों ने कहा, 'यह गतिरोध किसी की भी मदद नहीं करेगा। ऐसा प्रस्ताव लाइये जो तर्कसंगत और स्वीकार्य हो।'

न्यायाधीशों ने कहा कि यह सुनवाई काफी उपयोगी रही है और अब अगले सप्ताह आगे विचार किया जाए। कोर्ट ने सहारा समूह से कहा कि इस बीच वह अपना प्रस्ताव तैयार कर ले।

समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने दलील दी कि राय पिछले 75 दिन से जेल में हैं। उन्होंने कहा कि राय को जेल से निकाल कर लखनउ में घर में नजरबंद किया जाना चाहिए। लेकिन न्यायालय ने कहा कि इस समय वह कोई आदेश नहीं दे रहा है।

65 साल सुब्रत राय निवेशकों का 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक धन नहीं लौटाने के कारण चार मार्च से तिहाड़ जेल में बंद हैं। न्यायालय ने उनसे कहा कि जमानत के लिए दस हजार करोड़ रुपए के भुगतान के बारे मे नया प्रस्ताव लाया जाए।

कोर्ट ने चार मार्च को उन्हें जेल भेजने के न्यायिक आदेश की वैधानिकता को चुनौती देने वाली राय की याचिका पर आदेश दिया था।

कोर्ट ने अपने फैसले में निवेशकों का धन लौटाने के बारे में उसके सभी आदेशों का 'सुनियोजित तरीके से' उल्लंघन करने और उसे निष्फल बनाने के लिए सहारा समूह की तीखी आलोचना की थी।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
सहारा प्रमुख, सहारा प्रमुख सुब्रत राय, जेल में सुब्रत सहारा, सुप्रीम कोर्ट, Sahara Chief, Subrata Roy, Subrata Roy In Tihar Jail, Supreme Court