
आंध्र प्रदेश में सरकारी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम (English medium)में बदलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) परीक्षण करने को तैयार हो गया है. अदालत ने मामले में राज्य सरकार (Andhra Pradesh government) की याचिका पर नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट सरकारी आदेश को रद्द करने वाले हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की अर्जी पर 25 सितंबर को सुनवाई करेगा.हालांकि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि प्रावधान में भाषा का मतलब मातृभाषा है, इसलिए इस मामले में संघर्ष है. वहीं सरकार की ओर से कहा गया कि अंग्रेजी आवश्यक है कि 95 फीसदी अभिभावकों ने अंग्रेजी माध्यम को चुना है.
प्रवासी मजदूरों के मामले में महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को करारा झटका देते हुए अप्रैल में प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें सभी 1-6 कक्षा तक सरकारी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम में अनिवार्य रूप से तब्दील करने को कहा गया था.
कोर्ट ने कहा था कि शिक्षा का माध्यम वही होना चाहिए जो बच्चों और उनके अभिभावकों को पसंद हो. राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2020-21 से इंग्लिश मीडियम में तब्दील करने का आदेश दिया था.मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने सरकार के इस कदम को यह कहते हुए सही ठहराया था कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, गरीब वर्ग के बच्चे भी अच्छी शिक्षा पा सकेंगे और इससे वह दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा के काबिल बनेंगे. उन्होंने विरोध कर रहे नेताओं से कहा था कि वे इस कदम का तभी विरोध करें जब उनके बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूलों में न पढ़े हों. इस आदेश को जनहित याचिकाओं के जरिये हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.मुख्य न्यायाधीश जेके माहेश्र्वरी और जस्टिस एन. जयसूर्या ने फरवरी में इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था.
टेलीकॉम कंपनियों को AGR देनदारी चुकाने के लिए SC ने दिया 10 साल का वक्त
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं