यह ख़बर 24 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

गुजरात सरकार की नियुक्ति रद्द, सर्वोच्च न्यायालय ने मांगे सुझाव

खास बातें

  • सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2002 से 2006 के दौरान हुए कथित 22 फर्जी मुठभेड़ों की जांच पर निगरानी रखने वाले प्राधिकरण प्रमुख के लिए गुजरात सरकार द्वारा की गई अवकाश प्राप्त न्यायाधीश केआर व्यास की नियुक्ति को शुक्रवार को रद्द कर दिया।
नई दिल्ली:

सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2002 से 2006 के दौरान हुए कथित 22 फर्जी मुठभेड़ों की जांच पर निगरानी रखने वाले प्राधिकरण प्रमुख के लिए गुजरात सरकार द्वारा की गई अवकाश प्राप्त न्यायाधीश केआर व्यास की नियुक्ति को शुक्रवार को रद्द कर दिया।

गुजरात सरकार ने गुरुवार को अवकाश प्राप्त न्यायाधीश केआर व्यास को निगरानी प्राधिकरण का प्रमुख नियुक्त किया था। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश एमबी शाह ने प्राधिकरण का नेतृत्व स्वयं करने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति आफताब आलम ने बिना न्यायालय को सूचना दिए नियुक्ति करने पर गुजरात सरकार से सवाल जवाब किया। न्यायमूर्ति ने कहा कि न्यायाधीश व्यास की नियुक्ति को रद्द करने का मतलब उनके निष्ठा पर सवाल उठाना नहीं है।

सर्वोच्च न्यायालय ने इसके बाद याचिकाकर्ता बीजी वर्गीज एवं गीतकार जावेद अख्तर और गुजरात सरकार से प्राधिकरण के प्रमुख के लिए नाम का सुझाव देने को कहा।

इस पर जावेद अख्तर के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी का नाम प्रस्तावित किया। जबकि गुजरात सरकार के अधिवक्ता रंजीत कुमार ने कुछ समय की मांग की।

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मामले की अगली सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।